भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा है कि उनकी अनियमितता की शिकायत पर अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (आईओए) की क्लीनचिट ‘आखों में धूल झोंकना’ है। मित्तल ने साथ ही उनके आरोपों की एफआईएच के नियमों के तहत तांच कराने पर जोर दिया।
मित्तल ने दावा किया कि बत्रा के खिलाफ उन्होंने शिकायत एफआईएच के अनुशासनात्मक आयुक्त गोर्डन नर्स के लिए भेजी थी लेकिन वैश्विक संस्था ने अपने प्रमुख के खिलाफ इस मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करते हुए इसे आचरण अधिकारी के पास भेज दिया।
मित्तल ने एफआईएच के सीईओ थियेरी वील को शनिवार को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं समझ सकता हूं कि आपको अनुशासनात्मक आयुक्त को भेजी शिकायत पर आचरण अधिकारी का बयान जारी करने की जल्दबाजी थी। (वेन) स्नेल के बयान जारी करने का मतलब यह नहीं है कि यह सही है। एफआईएच के नियमों के अनुसार आचरण इकाई के बयान की कोई अहमियत नहीं है। यह आखों में धूल झोंकने का अच्छा प्रयास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब भी जोर देकर कहता हूं कि मेरी शिकायत जांच के लिए एफआईएच के नियमों के अनुसार एफआईएच अनुशासनात्मक आयुक्त के पास भेजी गई थी। मैं दोहराता हूं कि इस मामले में न्याय और सच्चाई के लिए यह अंतिम निकाय नहीं है।’’
एफआईएच की स्वतंत्र आचरण इकाई के चेयरमैन स्नेल ने शुक्रवार को बत्रा को क्लीनचिट दे दी थी जिसके बाद मित्तल ने एक बार फिर निशाना साधा है। मित्तल ने बत्रा पर आरोप लगाया था कि वह नवंबर 2016 में जब एफआईएच प्रमुख चुने गए थे तब वह हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद पर भी थे जिससे उन्होंने एफआईएच के नियमों का उल्लंघन किया था।
मित्तल ने साथ ही वील पर आरोप लगाया कि उन्होंने वैश्विक हॉकी संस्था के अध्यक्ष को बचाने के लिए उनकी शिकायत किसी अन्य अधिकारी के पास भेज दी।