यूनानी ओलंपिक समिति ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये तोक्यो खेलों की ओलंपिक मशाल सौंपने के समारोह में कोई दर्शक भाग नहीं लेगा। समिति ने कहा कि गुरुवार को एथेन्स के स्टेडियम में होने वाले समारोह के लिये जो मान्यता कार्ड जारी किये गये हैं वे वैध नहीं माने जाएंगे।
इसी स्टेडियम में 1896 में पहले ओलंपिक खेल हुए थे। समिति ने इसके साथ ही कहा कि सोमवार से उसका कार्यालय अगले नोटिस तक बंद रहेगा।
यूनान में अब तक 331 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि ओलंपिक में मशाल जलाने की शुरुआत साल 1928 में हुई थी। इस साल 8वें ओलंपिक का आयोजन एम्सटर्डम किया गया था। इससे पहले शुरुआत के 7 ओलंपिक में मशाल नहीं जलाया गया था।
एम्सटर्डम ओलंपिक के दौरान पहली बार एक ऊंची मीनार पर मशाल जलाई गई, जो पूरे खेलों के दौरान जलती रही।
इसके बाद से अब तक यह परंपरा जारी है, लेकिन पहली बार साल 1936 के बर्लिन ओलंपिक में पहली बार मशाल यात्रा शुरू हुई और आयोजन वाले देश के अलावा अन्य देशों में भी मशाल को घुमाया जाने लगा।