सर्बियाई स्टार नोवाक जोकोविच ने फाइनल में केविन एंडरसन को आसानी से 6-2, 6-2 , 7-6 (7-3) से हराकर चौथी विम्बलडन ट्राफी जीती। जोकोविच ने 2016 फ्रेंच ओपन जीतने के बाद पहला ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किया है। तब उन्होंने रोलां गैरां पर अपना करियर ग्रैंडस्लैम भी पूरा किया था। यह उनका 13 वां ग्रैंडस्लैम खिताब भी है जिससे वह पुरूष ग्रैंडस्लैम विजेताओं की सर्वकालिक सूची में चौथे नंबर पर पहुंच गये हैं जिसमें रोजर फेडरर 20 खिताब से शीर्ष पर काबिज हैं। यह भी दिलचस्प है कि जोकोविच एक महीने पहले विम्बलडन में नहीं खेलने की बात भी कर रहे थे क्योंकि वह पेरिस में क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गये थे और एक दशक में उनकी रैंकिंग भी सबसे कम थी।
यह 2015 के बाद उनकी विम्बलडन में उनकी पहली ट्राफी है । इससे दुनिया का यह 21 वें नंबर के जोकोविच क्रोएशिया के गोरान इवानिसेविच (2001) के बाद आल इंग्लैंड क्लब में जीत दर्ज करने वाले निचली रैंकिंग पर काबिज पहले खिलाड़ी बन गये हैं। एंडरसन पहले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी थे जो 97 वर्ष में पहली बार यहां फाइनल में पहुंचे और देश के लिये चैम्पियन बनने वाला पहला खिलाड़ी बनने की कोशिश में जुटे थे, पर वह इस ख्वाब को पूरा नहीं कर सके। उन्होंने फाइनल में पहुंचने के लिये कोर्ट पर 21 घंटे बिताये और यह मैराथन प्रयास फाइनल में उनके लिये नुकसानदायक साबित हुआ। साथ ही 30 डिग्री की गर्मी भी वह सहन नहीं कर पा रहे थे जिससे पहले ही गेम में उन्होंने डबल फाल्ट कर दी।
जोकोविच ने शुरू से ही शानदार दिख रहे थे, उन्हें पहला सेट 29 मिनट में अपने नाम करने में जरा भी परेशानी नहीं हुई। वहीं आठवीं वरीयता प्राप्त एंडरसन थोड़े नर्वस दिखे, उन्होंने पहले गेम में ब्रेक प्वाइंट पर डबल फाल्ट की। जोकोविच ने फिर पांचवें गेम से उनकी सर्विस तोड़ी, उन्होंने ताकतवर रिटर्न किया जिससे एंडरसन की वॉली सीधे नेट में जा गिरी। पूर्व विम्बलडन चैम्पियन ब्योर्न बोर्ग, स्टीफन एडबर्ग और रॉड लीवर जैसे दिग्गज कोर्ट में बैठे थे।
दूसरे सेट के शुरू होने से पहले एंडरसन ने दायीं कोहनी का उपचार लिया। जोकोविच ने इस सेट में भी दबदबा बनाये रखा और तीन बार के विम्बलडन चैम्पियन ने शानदार ग्राउंड स्ट्रोक से पहले गेम में एंडरसन की सर्विस तोड़ दी जिसके लिये दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने हॉक-आई चैलेंज भी लिया। जोकोविच की तीसरे गेम में सर्विस तोड़ने की उम्मीद पर तब पानी फिर गया जब एंडरसन की गेंद से अतिरिक्त गेंद गिर गयी जिससे इस प्वाइंट को दोबारा खेला गया।
हालांकि इससे जोकोविच का ध्यान भंग नहीं हुआ। उन्होंने बाद में दो गेम ब्रेक कर इस सेट को भी आराम से अपने नाम कर लिया। थके हुए एंडरसन के नाम हालांकि विम्बलडन में इस साल सात मैचों में कुल गेम की संख्या का रिकार्ड भी दर्ज हो गया। सेमीफाइनल में साढ़े छह घंटे तक कोर्ट में खेलने वाले एंडरसन तीसरे सेट में भी जूझ रहे थे और इतिहास रचने से चूक गये। एंडरसन ने थोड़ा जज्बा दिखाते हुए 5-4 से बढ़त बना ली और दो सेट प्वाइंट हासिल किये लेकिन जोकोविच पर इससे असर नहीं पड़ा।
दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने 12 वें गेम में तीन और सेट प्वाइंट हासिल किये लेकिन हर मौके पर जोकोविच परेशानी से निकलने में सफल रहे। जोकोविच ने टाई ब्रेक में 3-1 की बढ़त बना ली जिसके बाद एंडरसन उबर नहीं सके। एंडरसन फाइनल में सात ब्रेक प्वाइंट में से किसी को भी अंक में तब्दील नहीं कर सके जबकि जोकोविच ने सभी चारों पर अंक बनाये।