नयी दिल्ली| पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी दीपा मलिक ने सक्रिय ( एक्टिव ) खेलों से संन्यास ले लिया है और उन्होंने यह फैसला इस साल की शुरुआत में भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) का अध्यक्ष बनने से पहले कर लिया था। दीपा ने हालांकि इसका खुलासा सोमवार को किया। रियो पैरालंपिक खेल 2016 की गोला फेंक की एफ 53 स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली 49 साल की दीपा को दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर फरवरी में हुए चुनाव मे पीसीआई का अध्यक्ष चुना गया था।
खेल मंत्रालय ने पीसीआई को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। दीपा ने पीटीआई से कहा, ‘‘किसने कहा कि मैंने आज संन्यास लेने की घोषणा की? नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले पिछले साल सितंबर में ही मैंने संन्यास ले लिया था लेकिन मैंने सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संन्यास से संबंधित पत्र पिछले साल सितंबर में पीसीआई को सौंपा था जब चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके बाद ही मैं पीसीआई अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश कर पाई थी और मैंने चुनाव जीता तथा अध्यक्ष बनी।’’ दीपा को पिछले साल देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था। दीपा ने आज ट्वीट किया था जिसे उन्होंने बाद में हटा दिया।
ये भी पढ़ें : पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली दीपा मलिक ने किया संन्यास का ऐलान
इसमें कहा गया था, ‘‘चुनाव के लिए पीसीआई को बहुत पहले ही पत्र सौंप दिया था, नई समिति को स्वीकृति देने के लिए उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है और अब खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय से मान्यता के लिए सक्रिय खेलों से संन्यास की सार्वजनिक घोषणा करती हूं। पैरा खेलों की सेवा करने और अन्य खिलाड़ियों की मदद का समय है।’’