भारतीय हॉकी टीम को पदक का प्रबल दावेदार करार देते हुए गोलकीपर कृष्ण बी पाठक ने कहा कि टीम तोक्यो ओलंपिक खेलों में पदक से कम के बारे में नहीं सोच रही है। भारतीय टीम अभी बेंगलुरू स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में अभ्यास कर रही है। भारत ने 1980 के मास्को ओलंपिक खेलों के बाद पदक नहीं जीता है लेकिन पाठक को विश्वास है कि वर्तमान टीम इतिहास रच सकती है।
उन्होंने कहा, ''पिछले कुछ वर्षों में हमने शीर्ष टीमों के खिलाफ अच्छा खेल दिखाया। सभी खिलाड़ी अपने खेल को लेकर आश्वस्त हैं और भारत के लिये इतिहास रचने को प्रतिबद्ध हैं। हम पदक से कम के बारे में नहीं सोच रहे हैं और हमें विश्वास है कि इस साल ओलंपिक में हम पदक जीत सकते हैं। ''
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पाठक ने कहा कि टीम 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये कड़ा अभ्यास कर रही है और तरह की चुनौती के लिये तैयार है। इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ''ओलंपिक अब दूर नहीं है और इसलिए हम अभ्यास सत्र में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कोच हमारे लिये कड़े अभ्यास सत्रों की व्यवस्था की है और हम इनका पूरा लुत्फ उठा रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ''हम एक ग्रुप के तौर पर पिछले कुछ वर्षों से अच्छा खेल रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ओलंपिक में हम अपनी पूरी क्षमता के साथ खेलें। यह हमारे लिये बड़ी चुनौती होगी लेकिन हम तोक्यो में इस चुनौती के लिये तैयार हैं।''
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पाठक ने इसके साथ ही ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में गोलकीपर और रक्षापंक्ति के अन्य खिलाड़ियों के बीच तालमेल को महत्वपूर्ण करार दिया। राष्ट्रीय टीम की तरफ से 50 मैच खेलने वाले पाठक ने कहा, '' मैदान पर एक ही गोलकीपर हो सकता है लेकिन वह अकेला नहीं होता है। मैं रक्षापंक्ति के खिलाड़ियों के साथ उनकी योजनाओं के बारे में बात करता हूं ताकि मैं उनसे तालमेल बिठा सकूं। ''
उन्होंने कहा, ''यदि मैं डिफेंडरों के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा सकता हूं तो फिर हमारी रक्षापंक्ति निश्चित तौर पर मजबूत रहेगी और हम आसानी से कोई गोल नहीं गंवाएंगे। हम अभ्यास के दौरान भी तालमेल स्थापित करने का अभ्यास कर रहे हैं। ''