पूर्व डेविस कप कप्तान महेश भूपति ने कहा है कि भारत के टेनिस खिलाड़ियों ने जब डेविस कप मुकाबले के लिये पाकिस्तान की यात्रा के संबंध में सुरक्षा चिंता व्यक्त की तो टेनिस महासंघ और सरकार ने उन्हें अधर में छोड़ दिया। भूपति ने यह भी कहा कि वह अब तक राष्ट्रीय महासंघ के उन्हें बर्खास्त करने के तरीके से हुई निराशा से उबर नहीं सके हैं लेकिन पिछले दो दशकों में खिलाड़ियों के साथ संस्था के इस तरह के रवैये को देखते हुए यह हैरानी की बात नहीं थी।
भूपति ने मुंबई में एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबला अलग ही स्तर का होता है। पाकिस्तान के बनने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव है। पिछले दो दशक से किसी भी खेल की टीम ने वहां का दौरा नहीं किया था और अचानक से ही वे कह रहे हैं कि भारतीय टेनिस टीम को वहां जाना चाहिए। इसके खिलाफ फैसला लेने के लिये हर कोई लड़कों की आलोचना कर रहा है, यह अनुचित है। ’’
सुरक्षा संबंधित चिंताओं के कारण डेविस कप के लिये पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार के बाद अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने उन्हें कप्तान के पद से हटा दिया था। सुरक्षा कारणों से यह मुकाबला पाकिस्तान से हटा दिया गया और अब यह शुक्रवार से कजाखस्तान के नूर सुल्तान में शुरू होगा। भूपति ने यहां उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं अब भी दैनिक रूप से लड़कों (खिलाड़ियों) से संपर्क में हूं। महासंघ ने मेरे साथ जो तरीका अपनाया, मैं उससे निराश था। जब वे मुझे कप्तान बनाना चाहते थे तो वे मुझसे बैठक के लिये हैदराबाद तक पहुंच गये थे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है, अगर वे समझते हैं कि मेरे हटने का समय आ गया है लेकिन शिष्टाचार के तहत कम से कम एक फोन तो कर सकते थे कि देखिये हम समझते हैं कि अब किसी नये को लाने का समय आ गया है। मैं इसका सम्मान करता लेकिन मुझे इस तरह का कोई फोन नहीं आया। ’’
भूपति ने यहां नये टेनिस कोर्ट का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो जिस तरह से महासंघ पिछले 20 सालों में बर्ताव करता आया है, सिर्फ मुझसे नहीं बल्कि भारतीय टेनिस में सभी से, उसे देखते हुए यह हैरानी की बात नहीं थी। लेकिन कहीं न कहीं इससे निराशा होती है। ’’ भूपति ने कहा कि खिलाड़ियों ने जब इस्लामाबाद की यात्रा नहीं करने की बात कही तो न तो महासंघ ने और न ही सरकार ने उनका समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अनुचित है कि एआईटीए ने टीम का समर्थन नहीं किया और सरकार ने भी कुछ नहीं कहा। इसलिये हर किसी ने हाथ खड़े कर लिये, जिससे दिखता है कि हमारे देश में टेनिस खेलों के कार्यक्रम में कितना महत्व रखता है। ’’ भूपति ने कहा कि अगर यह मुद्दा क्रिकेट टीम से जुड़ा होता तो शायद मामला अलग ही हुआ होता। उन्होंने कहा, ‘‘द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय, एकल पक्षीय, अगर सरकार में से किसी ने कहा होता कि पाकिस्तान जाना सुरक्षित नहीं है तो काम हो गया होता लेकिन कोई भी यह कहने को तैयार नहीं था। लेकिन कोई और पाकिस्तान नहीं जा रहा था। ’’
भूपति ने कहा, ‘‘अगर भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान जाना होता तो विधायक (सांसद) संसद में खड़े होते और इसके बारे में कुछ न कुछ कहते। लेकिन जब बात हमारी थी तो यह मायने नहीं रखता था। ’’ पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के बारे में बात करते हुए भूपति ने कहा कि टीम इंडिया बिना किसी परेशानी के जीत हासिल कर लेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम के लिये पाकिस्तान को दुनिया में कहीं भी हराना जरा भी मुश्किल नहीं है। हम कहीं भी खेलते, हम हमेशा पाकिस्तान को हरा देंगे, भले ही उसके लिये कोई भी खेले। ’’