आज से करीब दो साल पहले 2 जून 2018 की तारीख एक भारतीय कप्तान ने हाथ जोड़कर फैंस से जज्बाती अपील की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि आप उन्हें गालियां दें, आलोचना करे लेकिन मैच देखने स्टेडियम में जरूर आएं। इस अपील ने फैंस को झकझोर कर रख दिया और नतीजा ये हुआ कि अगले मैच के सभी टिकट हाथों हाथ बिक गए। उस मैच में पूरा स्टेडियम खचाखच भरा नजर आया। यये नाम है सुनील छेत्री जिसे लोग भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर जानते हैं।
कप्तान सुनील छेत्री ने आज यानी 12 जून को इंटरनेशनल फुटबॉल में 15 साल पूरे कर लिए हैं। साल 2005 में आज ही के दिन सुनील छेत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में अपने इंटरनेशनल फुटबॉल के सफर का आगाज किया था और आज के समय में वह भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े दूत बन चुके हैं।
11 नंबर की जर्सी पहनने वाले सुनील छेत्री की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पुर्तगाल के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डों के बाद दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले सक्रिय फुटबॉलर हैं। इस मामलें में छेत्री अर्जेंटीना के फुटबॉलर मेसी से भी आगे हैं। छेत्री के नाम 115 इंटरनेशनल मैचों में 72 गोल दर्ज हैं और वह भारत की ओर से सर्वाधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं।
यही नहीं, छेत्री भारत की ओर से सबसे लंबे समय तक खेलने वाले दूसरे फुटबॉलर हैं और जल्द ही वह इस मामलें में शीर्ष पर काबिज बाइचुंग भूटिया को पीछे छोड़ देंगें जिन्होंने भारत के लिए 15 साल और 8 महीने फुटबॉल खेला था।
सुनील छेत्री पिछले कई सालों से भारतीय फुटबॉल टीम की कमान संभाले हुए हैं। यही वजह है कि छेत्री को अपना रोल मॉडल मानने वाले कई भारतीय खिलाड़ी इंटरनेशनल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। रिकॉर्ड 6 बार AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड अपने नाम करने वाले छेत्री का जलवा क्लब फुटबॉल में भी बदस्तूर जारी है।
छेत्री पिछले 5 सालों से बेंगलुरू एफसी का हिस्सा हैं और क्लब को 2 बार आईलीग और 1 बार आईएसएल का खिताब जितवा चुके हैं। उनकी कप्तानी में बेंगलुरू साल 2016 में एशिया के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट एएफसी कप के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा था हालांकि वह खिताब से चूक गया था।
एक समय था कि जब भारतीय फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग में 171वें पायदान पर थी लेकिन छेत्री की कप्तानी में टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम 2 साल के भीतर ही 96वें स्थान पर पहुंच गई। ये भारत की 1996 के बाद दूसरी सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग थी।
छेत्री के दम पर अब भारतीय टीम न केवल घर में बल्कि विदेशी धरती पर भी जीत हासिल कर रही है। यही वजह है कि भारत में फुटबॉल का एक अलग ही क्लचर पैदा हो रहा है और इसका काफी श्रेय भारतीय कप्तान सुनील छेत्री को ही जाता है जिनकी एक अपील ने भारतीय फुटबॉल फैंस में एक नई जान फूंक दी है।