Wednesday, January 15, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. अन्य खेल
  4. न्यूयॉर्क सीटी के टाइम्स स्कॉयर पर किया गया मोहन बागान के ऐतिहासिक पल को याद, फैंस हुए हैरान

न्यूयॉर्क सीटी के टाइम्स स्कॉयर पर किया गया मोहन बागान के ऐतिहासिक पल को याद, फैंस हुए हैरान

इस फुटबॉल क्लब के कारण दुनियाभर में भारतीय फुटबॉल फैंस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि 29 जुलाई की तारीख को मोहन बगान और दुनियाभर में फैले इसके फैंस के लिए काफी खास है। यह सिर्फ फुटबॉल प्रसंशकों के लिए ही बल्की भारत की आजादी के साथ भी जुड़ा है।

Edited by: India TV Sports Desk
Published : July 29, 2020 12:23 IST
Mohun Bagan, Football, Times square, IFA Shield Final
Image Source : BILLBOARD FLASHES, MOHUN BAGAN/TWITTER Mohun Bagan

 

न्यूयॉर्क सीटी के टाइम्स स्कॉयर पर 29 जुलाई को रात के 12 बजे जैसे की विशालकाय NASDAQ स्क्रिन बोर्ड पर भारत के सबसे पुरानी फुटबॉल क्लब मोहन बागान का लोगो फ्लैश हुआ, दुनियाभर के फुटबॉल फैंस हैरान रह गए। मोहन बागान भारत के सबसे पुराने फुटबॉल क्लब होने के साथ ही यह पश्चिम बंगाल के साथ यह ऐतिहासिक रूप से जुड़ा हुआ है।  

इस फुटबॉल क्लब के कारण दुनियाभर में भारतीय फुटबॉल फैंस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि 29 जुलाई की तारीख को मोहन बागान और दुनियाभर में फैले इसके फैंस के लिए काफी खास है। यह सिर्फ फुटबॉल प्रसंशकों के लिए ही बल्की भारत की आजादी के साथ भी जुड़ा है।

आज ही के दिन 29 जुलाई 1911 को मोहन बागान ने ईस्ट यॉर्कशायर को हराया था। द ब्रिटिस रेजिमेंट IAF शील्ड के फाइनल में मोहन बागान ने जीत दर्ज की थी। यह जीत सिर्फ क्लब के लिए ही नहीं भारत के लिए गौरवान्वित करने वाला था। इस खास दिन को आज पूरे 131 साल हो चुके हैं।

इस खास को दिन क्लब मोहन बागान दिवस के रूप में भी मनाता रहा है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के कारण पश्चिम बंगाल में संपूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ इस कारण 29 जुलाई को मोहन बागान के समर्थक कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन उनके लिए यह आश्चर्य से कम नहीं है कि हजारों कीलोमीटर दूर अमेरिका में मोहन बागान डे को याद किया गया है। 

इस खास पल को लेकर क्लब के फैंस का कहना है कि मोहग बागान डे को इस तरह से वैश्विक स्तर पर याद किया जाना अविस्मरणीय है। 

इस दौरान बिलबोर्ड पर क्लब के लोगो के साथ के इस तारीख को भी बताया गया जिस दिन इसने ब्रिटिश टीम को हराया था। क्लब की इस याद को बिलबोर्ड पर कुछ मिनट के लिए फ्लैश करने के बाद हटा लिया गया.

वहीं पश्चिम बंगाल के लोगों का मानना है कि 1911 में अंग्रेजों के खिलाफ मिली यह जीत आदाजी की लड़ाई से कम नहीं था। क्योंकि इस हार से अंग्रेजों के आत्मसम्मान को ठेस लगा था।

इस मैच से जुड़ी यादों को लेकर कहा जाता है कि मुकाबले के दौरान करीब 8000 दर्शक मौजूद थे और एक समय मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था लेकिन दर्शकों के बीच वंदे मातरम् की नारों की गूंज ने मोहन बागान के खिलाड़ियों को जोश से भर दिया और टीम ने आखिरी मौके पर जीत दर्ज कर अंग्रेजों का घमंड तोड़ दिया।

मोहन बागान से मिली यह हार ब्रिटिस शासन के सम्मान पर एक दाग की तरह हो गया था। यह पहली बार हुआ था जब गुलाम भारत ने अंग्रेजों को एहसास दिलाया कि वह कमजोर नहीं है। इस मैच में हिस्सा लेने वाले सभी 11 खिलाड़ियों को हीरो का दर्जा दिया गया। इस जीत के बाद से मानों पश्चिम बंगाल के लोगों में राष्ट्रवाद की एक नई लहर दौड़ गई थी।

हालांकि इतने सालों में अब क्लब में काफी बदलाव आ चुका है। एटीके में इसका विलय होने के बाद अब इसे एटीके मोहन बागान एफसी के नाम जाना जाएगा और इसी नाम टीम इंडियन सुपर लीग 2020-21 में हिस्सा लेगी।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement