नयी दिल्ली। पिछले सप्ताह विश्व कप में दूसरा स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज अभिषेक वर्मा ने कहा कि ओलंपिक पदक जीतने के लिये अलग तरह की मानसिक स्थिरता की जरूरत होती है। हरियाणा के 30 बरस के इस निशानेबाज ने इस साल अप्रैल में बीजिंग विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
उन्होंने पिछले सप्ताह रियो में विश्व कप में ही दूसरा पीला तमगा जीता। उन्होंने दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित वर्ग में यशस्विनी सिंह देसवाल के साथ रजत पदक जीता था। अभिषेक ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘निशानेबाजी शारीरिक से ज्यादा मानसिक खेल है। ओलंपिक में हमें अलग तरह की मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास की जरूरत होगी। मैं इसके लिये मानसिक व्यायाम, योग और ध्यान कर रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरी तैयारी पर काम करना है लेकिन मुख्य फोकस मानसिक शांति पर होगा। फाइनल में जब आप निशाना साधते हैं और पीछे से शोर होता है तो फोकस हट जाता है। ऐसे में नौ या आठ के स्कोर आने लगते हैं। इसी पर फोकस करना है।’’
भारत के पास इस समय निशानेबाजी में काफी युवा टीम है और अभिषेक ने कहा कि आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से निशानेबाजों को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा मौका है क्योंकि भारत में ही इतनी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। इससे आत्मविश्वास बढता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एशियाई खेलों से ही मैं और सौरभ हर अभ्यास शिविर में एक कमरे में रहते हैं। हर प्रतिस्पर्धा में भी और अपने अनुभव एक दूसरे से बांटते हैं जिससे प्रदर्शन में निखार आता है।’’
चीन में 17 से 23 नवंबर तक होने वाले विश्व कप फाइनल्स के लिये रिकार्ड 14 भारतीय राइफल और पिस्टल निशानेबाजों ने कोटा हासिल कर लिया है। अभिषेक ने कहा, ‘‘विश्व कप फाइनल्स दो साल में बार होता है। इस बार हमारे पास बड़ी टीम है और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।’’