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ओलंपिक 2020 पर टिकी है निशानेबाज़ नयनी की निगाह

नयी दिल्ली: लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता विजय कुमार और स्टार शूटर जीतू राय के प्रेरणादायी शब्दों से ओतप्रोत और हाल में एशियाई एयरगन और एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली युवा निशानेबाज

Bhasha
Updated : November 09, 2015 12:06 IST
ओलंपिक 2020 पर टिकी है...
ओलंपिक 2020 पर टिकी है निशानेबाज़ नयनी की निगाह

नयी दिल्ली: लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता विजय कुमार और स्टार शूटर जीतू राय के प्रेरणादायी शब्दों से ओतप्रोत और हाल में एशियाई एयरगन और एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली युवा निशानेबाज नयनी भारद्वाज की निगाह 2020 में तोक्यो में होने वाले ओलंपिक पर टिकी हैं जिसके लिये उन्होंने अभी से पुख्ता तैयारियां शुरू कर दी हैं।

नयनी ने कुवैत सिटी में चल रही 13वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में महिलाओं के युवा वर्ग में 374 का स्कोर बनाकर दस मीटर एयर पिस्टल में टीम स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने हर्षदा निठावे और मलाइका गोयल के साथ मिलकर सोने का तमगा हासिल किया।

इससे पहले दिल्ली में एशियाई एयरगन चैंपियनशिप में भी उन्होंने टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। कुवैत सिटी में उन्हें विजय कुमार और जीतू राय से भी कुछ टिप्स लेने का मौका मिला और वह भावी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रतिबद्ध है।

नयनी ने एशियाई चैंपियनशिप से लौटने के बाद भाषा से कहा, मैंने विजय सर और जीतू सर से बात की और उन्होंने मुझे यही सलाह दी कि मैं सिर्फ अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान दूं। परिणाम खुद ही आ जाएंगे। उनसे बात करके मेरा काफी मनोबल बढ़ा।

उन्होंने कहा, किसी भी निशानेबाज का लक्ष्य ओलंपिक में खेलना होता है और मैं भी उनसे इतर नहीं हूं। मैं अभी 2020 ओलंपिक खेलों को लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही हूं। तब तक मुझे अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने का अनुभव भी हो जाएगा। फिलहाल अभी मैं ज्यादा से ज्यादा अनुभव हासिल करना चाहती हूं क्योंकि किसी भी निशानेबाज के लिये यह महत्वपूर्ण होता है।

मानव रचना स्कूल गुड़गांव में 12वीं छात्रा 17 वर्षीय नयनी का मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ : एनआरएआई : युवा निशानेबाजों के लिये अच्छे प्रयास कर रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्हें एक अदद कोच की कमी खलती है।

नयनी ने कहा, भारतीय टीम का कोच केवल राष्ट्रीय शिविरों में ही हमारे साथ समय बिता सकता है। मुझे अभी एक अच्छे नियमित कोच की कमी खल रही है। यदि युवा निशानेबाजों के लिये नियमित कोच नियुक्त किया जाता है तो उससे हमें काफी फायदा मिलेगा।

एशियाई खेलों के दिग्गज जसपाल राणा अभी पिस्टल निशानेबाजों के राष्ट्रीय कोच हैं। कोच और सीनियर खिलाडि़यों की सलाह पर नयनी अब 25 मीटर पिस्टल प्रतियोगिता में भी अपना भाग्य आजमाना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, मुझे दस मीटर एयर पिस्टल की तरह 25 मीटर स्पोट्र्स पिस्टल भी काफी पसंद है। मैं इस साल से इसकी भी तैयारी शुरू कर रही हूं।

नयनी अभी रोज तीन घंटे अभ्यास करती हैं। वह जानती हैं कि कड़ी मेहनत के दम पर ही वह अपने लक्ष्य हासिल कर पाएंगी। इसके अलावा यह युवा निशानेबाज अपनी कमजोरियों से भी पार पाने पर ध्यान दे रही हैं।

उन्होंने कहा, मैं बहुत भावुक हूं और कभी कभी यह मेरी कमजोरी बन जाती है। मुझे जल्द से जल्द इससे पार पाना है।

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