Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. अन्य खेल
  4. National Sports Day: जब शक के आधार पर भारतीय हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की तोड़ी गई स्टिक

National Sports Day: जब शक के आधार पर भारतीय हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की तोड़ी गई स्टिक

ध्यानचंद की जयंती के दिन ही खेल जगत में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरुस्कार से समानित किया जाता है।

Written by: India TV Sports Desk
Updated on: August 29, 2019 9:41 IST
Major Dhyanchand- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Major Dhyanchand

29 अगस्त यानी आज के दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2019) के रूप में मनाया जाता है लेकिन इस दिन ही भारतीय हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। जिसे हम उनकी जयंती के रूप में भी मनाते हैं। ध्यानचंद ने एक-दो नहीं बल्कि तीन बार भारतीय हॉकी को ओलंपिक खेलों में गोल्ड दिलवाया, जिसके चलते हम उनके सम्मान में हर साल इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मानते आ रहे हैं।

ध्यानचंद की जयंती के दिन ही खेल जगत में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरुस्कार से समानित किया जाता है। जिसमें राजीव गांधी खेल रत्न, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के अलावा अर्जुन पुरस्कार भी साम्मान के रूप में दिया जाता है। 

ऐसे में चलिए इस ख़ास दिन पर एक बार नजर डालते हैं ध्यानचंद के जीवन  से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर:- 

पूरी दुनिया में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले इस महान खिलाड़ी का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। जिस तरह फुटबॉल में लोग 'पेले' और क्रिकेट में 'डॉन ब्रैडमैन' को मानते हैं ठीक उसी तरह हॉकी में 'ध्यानचंद' को कोई नहीं भुला सकता। 

महज 16 साल की उम्र में ही शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्हें सेना में सिपाही की नौकरी मिल गई थी। जिसमें उनके रेजिमेंट के एक सूबेदार ने हॉकी के प्रति ध्यानचंद के अंदर लौ जलाई।

एक बार हॉकी स्टिक पकड़ने के बाद ध्यानचंद का ध्यान कहीं और नहीं भटका और उन्होंने तीन बार ओलंपिक खेलों में भाग लेते हुए तीनो बार देश को गोल्ड मेडल दिलाया।

ध्यानचंद के जीवन से जुड़ा एक शानदार किस्सा ये है की एक बार हॉलैंड के मैच के दौरान सभी को लगा की उनकी हॉकी स्टिक में चुंबक लगा है जिसके कारण गेंद चपकी रहती है। जिसके चलते उनकी स्टिक तोड़ कर देखी गई और उन्हें कुछ नहीं मिला। जबकि जापान में भी उनकी हॉकी स्टिक में गोंद लगे होने की बात कही गई।

मेजर ध्यानचंद ने भारतीय हॉकी को उस समय जिस स्तर पर पहुँचाया था उस स्तर तक दोबारा पहुँचने के लिए भारत अभी भी प्रयासरत है

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement