कोलकाता। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की दो बार की विजेता एटीके का मालिकाना हक रखने वाला आरपीएसजी ग्रुप भारत के सबसे पुराने फुटबॉल क्लबों में से एक मोहन बागान में सबसे बड़ा हिस्सेदार बन गया है। एटीके ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि आरपीएसजी ग्रुप मोहन बागान में 80 प्रतिशत साझेदारी खरीदेगा जबकि मोहन बागान की इसमें 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
दोनों टीमों के विलय से बनने वाला नया क्लब एक जून 2020 से अस्तित्व में आएगा और आईएसएल के 2020-2021 सीजन में एक होकर खेलेगी। साथ ही अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अन्य अहम टूर्नामेंट्स में भी दोनों क्लब एक टीम के तौर पर खेलेंगे।
क्लब ने एक बयान में कहा, "इस कदम से भारत के तेजी से बढ़ते पेशेवर फुटबाल में दो फुटबाल क्लब एक साथ मिलकर खेलेंगे।"
आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका ने समूह में मोहन बागान का स्वागत करते हुए कहा, "आरपीएसजी ग्रुप, जिसकी 200 साल पुरानी विरासत है, वह मोहन बागान का आरपीएसजी परिवार में स्वागत करने पर गर्व और सम्मानित महसूस करता है।"
मोहन बागान फुटबाल क्लब (इंडिया) के चेयरमैन स्वप्न साधन बोस ने कहा, "हम महरून और हरी जर्सी और इसकी 130 साल पुरानी परंपरा का का आनंद लेना चाहते हैं, लेकिन एक समय आता है जब रोमांस को हकीकत में एक साथ ही क जरूरत होती है। फुटबाल के नए युग की शुरुआत करने के लिए, आपको इसक लिए बड़े पैमाने पर निवेश और एक कॉपोरेट घराने की जरूरत होती है। यह निसंदेह, बड़ा सच है।"
उन्होंने कहा, "इसलिए मैं भारत के जाने माने उद्योगपति और कोलकाता के अपने संजीव गोयनका का शुक्रगुजार हूं जिनकी आरपीएसजी ने क्लब में निवेश किया। भारतीय फुटबाव को लेकर उनका विजन हमारी सोच से मिलता है। हमारा एक साथ आना क्लब को निश्चित तौर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।"