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Tokyo Olympics : लॉकडाउन के बाद कंधे की परेशानी से जूझ रही थी मीराबाई, अब किया खुलासा

कड़े अभ्यास, परिवार से दूर रहने और पांच साल तक भोजन को लेकर सख्त नियमों का पालन करने का ही परिणाम था कि मीराबाई चानू आखिर में ओलंपिक पदक विजेता बन गई।

Reported by: Bhasha
Published on: July 27, 2021 13:08 IST
Tokyo Olympics : लॉकडाउन के बाद...- India TV Hindi
Image Source : AP Tokyo Olympics : लॉकडाउन के बाद कंधे की परेशानी से जूझ रही थी मीराबाई, अब किया खुलासा

नई दिल्ली। कड़े अभ्यास, परिवार से दूर रहने और पांच साल तक भोजन को लेकर सख्त नियमों का पालन करने का ही परिणाम था कि मीराबाई चानू आखिर में ओलंपिक पदक विजेता बन गयी लेकिन बीच में एक दौर ऐसा भी था जब उन्हें अपना सपना टूटता हुआ लगा। तोक्यो ओलंपिक खेलों के एक साल के लिये स्थगित होने और पिछले साल कोविड-19 के कारण लगाये गये लॉकडाउन के अभ्यास नहीं कर पाने से चानू के कंधे में दर्द होने लगा था जिसको लेकर यह भारोत्तोलक काफी परेशान थी। तोक्यो खेलों में महिलाओं के 49 किग्रा में रजत पदक जीतने वाली चानू का स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत किया।

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘लॉकडाउन के बाद जब मैंने अभ्यास शुरू किया तो मुझे अपनी पीठ काफी सख्त लगी और मुझे दायें कंधे को लेकर कुछ परेशानी थी। यह चोट नहीं थी लेकिन जब मैं भारी वजन उठाती तो यह काफी सख्त लगता। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैंने लॉकडाउन के दौरान अभ्यास बंद कर दिया था। ’’ पिछले साल कोविड-19 महामारी रोकने के लिये जब देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया तब चानू पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) में थी। वह अपने कमरे तक ही सीमित रही और उन्होंने महीनों बाद अभ्यास शुरू किया था। इस दौरान उनके कंधे को लेकर परेशानी होने लगी। इससे भारोत्तोलन की दो स्पर्धाओं में से एक स्नैच में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। इस परेशानी के उपचार के लिये वह पिछले साल अमेरिका गयी थी।

पूर्व भारोत्तोलक और अनुकूलन कोच डा. आरोन होर्सचिग के साथ काम करने का उन्हें तुरंत ही फायदा मिला और वह अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रही। क्लीन एवं जर्क में उन्होंने रिकार्ड 119 किग्रा भार उठाया था। चानू ने कहा, ‘‘यही वजह थी कि हमने अमेरिका जाने की योजना बनायी। इससे मुझे काफी मदद मिली और मैं एशियाई चैंपियनशिप में विश्व रिकार्ड बनाने में सफल रही। ’’ तोक्यो खेलों में उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा में 204 किग्रा (87 किग्रा और 115 किग्रा) भार उठाकर रजत पदक जीता। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी फिजियोथेरेपिस्ट ने मेरे साथ काम किया। मेरे मांसपेशियों में असंतुलन था। जब भी मैं भारी वजन उठाती तो दर्द होता था। उन्होंने कुछ कसरतें करवायी। इससे मुझे काफी लाभ मिला।’’

घर से पांच साल तक बाहर रहने के बाद चानू अब इंफाल में अपने घर जाएगी लेकिन वह लंबे अवकाश पर नहीं रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं घर जा रही हूं। वहां कुछ समय बिताऊंगी। पिछले पांच वर्षों से मैं बमुश्किल 10 दिन ही घर पर रही। मैं 10 अगस्त को अभ्यास पर लौट आऊंगी क्योंकि अक्टूबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप है जो राष्ट्रमंडल खेलों के लिये क्वालीफिकेशन प्रतियोगिता है।’’ 

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