भारतीय हॉकी टीम वर्ल्ड नंबर-4 हॉकी टीम है। इस टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह हैं और कोच ग्राहम रीड हैं। जहां तक बात ओलंपिक में पदक जीतने की है, इतिहास गवाह है कि भारतीय टीम फील्ड हॉकी की सबसे सफल टीम है।
भारत ने 11 ओलंपिक पदक जीते हैं जिसमें से उनके नाम 8 गोल्ड हैं, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल हैं। हालांकि टीम ने अपना आखिरी पदक 1980 में जीता था। मनप्रीत सिंह साल 2017 में टीम इंडिया के कप्तान बने थे, टोक्यो ओलंपिक उनके करियर का तीसरा ओलंपिक होगा। बतौर कप्तान ये उनका पहला ओलंपिक है।
मनप्रीत सिंह का पिछले कुछ वर्षो में कप्तान के रूप में सफर सफलतापूर्वक रहा है और वह टीम के बैकबोन साबित हुए हैं। मनप्रीत ने टीम को 2017 एशिया कप, 2018 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 एफआईएच सीरीज फाइनल और 2018 विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
जालंधर में जन्में मनप्रीत 2014 में एशिया खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। हालांकि, वह एफआईएच हॉकी विश्व कप और ओलंपिक में टीम को अबतक जीत नहीं दिलवा सके हैं।
विश्व कप का आयोजन जनवरी 2023 में होना है और इसमें अभी समय है लेकिन मनप्रीत के पास टोक्यो ओलंपिक में टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने का मौका रहेगा।
टोक्यो ओलंपिक में टीम मनप्रीत के नेतृत्व में अपनी चुनौती पेश करेगी और मनप्रीत का यह तीसरा ओलंपिक होगा जहां वह अपना भाग्य आजमाएंगे।
मनप्रीत का परिवार उनके हॉकी खेलने के सख्त खिलाफ था और एक दिन उनकी मां ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया, जिससे वह हॉकी नहीं खेल सकें। लेकिन मनप्रीत ने हॉकी में अपना करियर बनाया और उनका परिवार ही मनप्रीत का सबसे बड़ा समर्थक और प्रशंसक बना।
मनप्रीत के पिता का जब 2016 में निधन हुआ तो वह मलेशिया में चल रहे अजलान शाह कप से सीधे आए थे, लेकिन उनकी मां ने उन्हें जल्द से जल्द टीम से जुड़ने के लिए कहा था।
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मनप्रीत दबाव में कूल रहते हैं और उन्हें ऐसा ही ओलंपिक में भी करने की जरूरत है।