अनुभवी भारतीय निशानेबाज अभिषेक वर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक के एक साल टलने के बाद लय और एकाग्रता बरकरार रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा लेकिन वह इसके लिए तैयार है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के बाद खिलाड़ियों का अभ्यास सत्र प्रभावित हुआ है।
चार साल में होने वाले इन खेलों के स्थगित होने से उनका ध्यान भटका है। विश्व कप में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले इस निशानेबाज ने पीटीआई से कहा, ‘‘ लय हासिल करना और फिर उसे बरकरार रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। इससे हालांकि हमें तैयारी का समय मिलेगा लेकिन एक साल का समय काफी होता है।’’
तीस साल के वर्मा लाकडाउन के कारण चंडीगढ़ स्थित अपने घर में है लेकिन उनका ध्यान गुरुग्राम के अतिथिगृह में है जहां एससीएटीटी सहित उनके अभ्यास का सारा साजो-सामान रखा हुआ है। वह दो-तीन दिनों के लिए अपने माता-पिता से मिलने चंडीगढ़ गये थे लेकिन लॉकडाउन के कारण वहीं रुकना पड़ा।
एससीटीटी सेंसर युक्त उन्नत उपकरण है। निशानेबाज इसका इस्तेमाल अंदर और बाहर दोनों तक अभ्यास में करते हैं। इससे उनकी प्रगति पर नजर रखने में मदद मिलती है। लॉकडाउन के कारण वर्मा को अपने अभ्यास के साथ समझौता करना पड़ रहा है। उन्हें घर में रहने की खुशी है लेकिन निशानेबाज लय बरकरार रखने के लिए पूरे साल अभ्यास जारी रखते है।
वर्मा को अपने साजो-सामान के बिना समय बिताना ‘अजीब’ लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे साल के 365 दिन अभ्यास करना पसंद है लेकिन अभी मैं कामचलाऊ अभ्यास ही कर पा रहा हूं। घर पर सिर्फ दो-तीन दिन रूकने की मेरी योजना थी लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद मैं यहां फंस गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल कोई और रास्ता नहीं है। मैं केवल यही उम्मीद कर सकता हूं कि हालात सामान्य हो जाएं और मैं फिर से अभ्यास शुरू की कर सकूं।’’वर्मा ने पिछले साल अप्रैल में बीजिंग विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था। उन्होंने इसके बाद अगस्त-सितंबर में रियो विश्व कप में इसी स्पर्धा में दूसरी बार पीला तमगा हासिल किया।