बीजिंग| भारत की युवा सनसनी बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने अपना पहला बीडब्ल्यूएफ वल्र्ड टूर खिताब जीत लिया है। गत रविवार को हुए डच ओपन के फाइनल मुकाबले में 18 साल के लक्ष्य ने जापानी खिलाड़ी को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। हालांकि लक्ष्य पहला सेट हार गए थे, लेकिन अंतिम दो सेट में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने भारत को एक और उपलब्धि दिला दी।
सीआरआई के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में लक्ष्य सेन ने बीडब्ल्यूएफ वल्र्ड टूर खिताब जीतने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह आगे भी बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय प्रकाश पादुकोण अकादमी, भारतीय बैंडमिंटन एसोसिएशन, भारतीय खेल प्राधिकरण, कोच विमल कुमार, ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट और सभी प्रायोजकों को दिया। उन्होंने कहा कि उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।
रविवार को दर्शकों से खचाखच भरे इंडोर कोर्ट में लक्ष्य की खिताबी भिड़ंत जापानी खिलाड़ी युसुके ओनोडेरा के साथ हुई। हालांकि लक्ष्य को पहले सेट में 15-21 से हार मिली। लेकिन उसके बाद आखिरी के दो सेट में लक्ष्य ने अपने प्रतिद्वंद्वी को कोर्ट पर खूब दौड़ाया और चैंपियन बने।
यहां बता दें कि युवा खिलाड़ी लक्ष्य का यह पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर-100 का खिताब है। विश्व रैंकिंग में 72वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने जापान के खिलाड़ी युसूके ओनोडेरा को 15-21, 21-14 और 21-15 से हराया। उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य का इस सत्र का यह दूसरा, जबकि करिअर का छठा खिताब है। इससे पहले सितंबर में उन्होंने बेल्जियम ओपन जीता था।
प्रकाश पादुकोण अकादमी में कोचिंग लेने वाले लक्ष्य को भारत के सबसे प्रतिभाशाली बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। वह पूर्व में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का खिताब जीतने के साथ ही यूथ ओलंपिक में सिल्वर और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल भी भारत को दिला चुके हैं। जाने माने बैडमिंटन कोच और लक्ष्य के पिता डीके सेन ने सीआरआई को बताया कि पिछले कुछ वर्षों से लक्ष्य अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, उम्मीद है कि वह आगे भी इस प्रदर्शन को जारी रखेगा।