भारतीय डिस्कस थ्रोअर महिला खिलाड़ी कमलप्रीत कौर ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में एक और पदक की उम्मीद जताई है। 64 मीटर लंबा थ्रो कर उन्होंने फाइनल में में सीधा प्रवेश कर लिया है। वह अपने क्वालीफिकेशन ग्रुप में दूसरे स्थान पर रही, वहीं ओवरऑल प्वाइंट्स टेबल में भी वह दूसरे स्थान पर रही। कमलप्रीत कौर समेत 12 खिलाड़ी फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगे और पदक की जंग 2 अगस्त को होगी।
बता दें, फाइनल में सीधा प्रवेश करने के लिए खिलाड़ी को कम से कम 64 मीटर लंबा थ्रो करना होता है, कमलप्रीत के अलावा अमेरिका की वैलेरी ऑलमैन ही फाइनल के लिए अभी तक डायरेक्ट क्वालीफाई कर पाई है।
कमलप्रीत के मुकाबले की बात करें तो डिसकस थ्रो क्वालिफिकेशन ग्रुप-बी में उन्होंने अपने पहले प्रयास में 60.29 मीटर की थ्रो किया था और वह 9वें स्थान पर चल रही थीं। वहीं दूसरे प्रयास में उन्होंने 63.97 का थ्रो कर 7 पायदान की लंबी छलांग लगाई थी और वह सीधा दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी। तीसरे थ्रो में उन्होंने 64 मीटर लंबा थ्रो कर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
कमलप्रीत कौर से पदक की उम्मीद इसलिए भी लगाई जा रही है क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपना नेशनल रिकॉर्ड 66.59 मीटर के साथ तोड़ा था। उनका पुराना रिकॉर्ड 65.06 मीटर का था। अगर वह अपने नेशनल रिकॉर्ड के आस-पास भी पहुंचती है तो वह मेडल अपने नाम कर सकती है।
वहीं भारत की दूसरी एथलीट सीमा पुनिया को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। सीमा क्वालिफिकेशन ग्रुप-ए में तमाम प्रयासों के बावजूद 60.57 मीटर के साथ छठा स्थान हासिल कर सकीं। सीमा ने सबसे पहले थ्रो किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में फाउल करार दी गईं। हालांकि दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 मीटर का थ्रो किया।
अपने तीसरे प्रयास में भी 64 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क को नहीं छू सकीं। उन्होंने 58.93 मीटर का खराब थ्रो किया। सीमा के ग्रुप में सबसे बेहतर थ्रो क्रोएशिया की सेंड्रा पेरकोविच का रहा। पेरकोविच ने 63.75 मीटर का थ्रो लिया।