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कबड्डी ने कमाई और पढ़ाई, दोनों में मदद की : नवीन कुमार

नवीन पीकेएल के सातवें सीजन में अब तक सात मैचों में छह में सुपर टेन लगा चुके हैं। उनके नाम इस सीजन में अब तक 76 प्वाइंट्स हैं।

Reported by: IANS
Published on: August 22, 2019 16:40 IST
कबड्डी ने कमाई और पढ़ाई, दोनों में मदद की : नवीन कुमार - India TV Hindi
Image Source : PKL कबड्डी ने कमाई और पढ़ाई, दोनों में मदद की : नवीन कुमार 

नई दिल्ली। किसी भी खिलाड़ी के लिए खेल के साथ-साथ पढ़ाई को जारी रख पाना काफी मुश्किल काम होता है, लेकिन प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में दबंग दिल्ली के.सी. टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन कर रहे युवा रेडर नवीन कुमार यहां तक पहुंचने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखे हुए हैं। 

नवीन पीकेएल के सातवें सीजन में अब तक सात मैचों में छह में सुपर टेन लगा चुके हैं। उनके नाम इस सीजन में अब तक 76 प्वाइंट्स हैं। नवीन ने इसी साल अच्छे नंबरों से 12वीं कक्षा पास की है और उन्होंने बीए फर्स्ट ईयर में दाखिल भी ले लिया है। नवीन कबड्डी खेलने के साथ साथ पढ़ाई भी कर रहे हैं। 

नवीन ने गुरुवार को आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा करना किसी भी खिलाड़ी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने साथ ही कहा कि अगर आप इसे करने के लिए दृढ़संकल्प हैं तो आपके लिए यह आसान काम है। 

नवीन ने कहा, "परिवार की खुशी के लिए ये करना पड़ेगा। कबड्डी में अच्छा करने के बाद एक साल पहले मुझे जॉब भी मिल गई थी, जिससे मेरे लिए आगे की पढ़ाई जारी रखना काफी आसान हो गया। अगर मुझे जॉब नहीं मिलती तो फिर मैं शायद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाता, क्योंकि मेरे घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी।" 

उन्होंने कहा, "कबड्डी में यहां तक पहुंचने के बाद इससे मेरे और मेरे परिवार को काफी फायदा हुआ है, क्योंकि मेरा मानना है कि कबड्डी की वजह से मेरे और मेरे परिवार की आर्थिक हालात काफी सुधर गई है। यहां तक पहुंचने के लिए मैंने अपने परिवार को काफी मिस किया है, क्योंकि मेरे परिवार को मुझसे काफी उम्मीदें हैं। मेरे परिवार की खुशी में ही मेरी खुशी है।" 

यह पूछे जाने पर कि कबड्डी में ही आने का फैसला क्यों किया, कोई और भी खेल चुन सकते थे, नवीन ने कहा, "हमारे गांव और स्कूल में कबड्डी के अलावा और कोई खेल नहीं खेला जाता था। कबड्डी खेलने के लिए मेरे स्कूल वालों ने भी मेरा काफी समर्थन किया है। जब मैं 11 साल का था तब उस समय के मेरे कोच ने मुझसे कहा कि ये लड़का आगे जाकर कुछ बन सकता है।" 

युवा रेडर ने साथ ही कहा, "कोच साहब ने मेरे खेल को देखकर मुझे ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। इसके बाद मैंने तेलंगाना में स्कूल अंडर-17 में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया, जहां मुझे बेस्ट रेडर का पुरस्कार मिला।" 

उन्होंने कहा, "इससे कबड्डी के प्रति मेरा लगाव काफी बढ़ गया और मुझे लगने लगा कि अब मुझे इसी में आगे कुछ करना है। इसके बाद मैंने जूनियर नेशनल्स और फिर ऑल इंडिया नेशनल्स यूनिवर्सिटी में आए फ्रेंचाइजी ने मेरे खेल को देखकर मुझे एनवाईपी के तौर पर खरीदा।" 

नवीन ने अपने अगले लक्ष्य को लेकर कहा, "जाहिर सी बात है कि हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करे और मेरा भी यही सपना है। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए मुझे अभी बहुत कुछ हासिल करना और मैं उसके लिए दृढ़संकल्प है।" 

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