नई दिल्ली। हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली ग्रैंडस्लैम 2020 जूडो प्रतियोगिता का आयोजन 23 से 25 अक्टूबर तक किया जाएगा। यह टूर्नामेंट एक ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी है और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद भारतीय जूडोकाओं का यह पहला टूर्नामेंट होगा। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने प्रतियोगिता के लिए हंगरी रवाना होने से पहले भारतीय टीम से अपने आवास पर मुलाकात की।
इस टूर्नामेंट के लिए रवाना हो रहे दल में महिला टीम में मणिपुर की 25 वर्षीय सुशीला देवी (48 किग्रा) और दिल्ली की 22 वर्षीय तूलिका मान (78 किग्रा) शामिल हैं।
ये भी पढ़ें - लंका प्रीमियर लीग के पहले सीजन में हिस्सा लेंगे ये दो भारतीय खिलाड़ी
इसके अलावा पुरुष टीम में पूर्व ओलंपियन और 28 वर्षीय अवतार सिंह (100 किग्रा), पंजाब के 22 वर्षीय जसलीन सिंह सैनी (66 किग्रा) और 24 वर्षीय विजय यादव (60 किग्रा) शामिल हैं।
इस पांच सदस्यीय जूडो टीम में कोच जीवन शर्मा भी होंगे, जो टीम के साथ ही हंगरी के लिए रवाना होंगे।
रिजिजू ने इस दौरे के लिए भारतीय टीम को अपना शुभकामनाएं दी और कहा कि सरकार 2024 और 2028 के ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत प्रतिभा पूल बनाने के लिए इस खेल की राष्ट्रीय महासंघ के साथ मिलकर काम कर रही है।
ये भी पढ़ें - परिवार और पुलेला गोपीचंद के साथ विवाद की खबरों को खारिज करते हुए पीवी सिंधु ने दिया ये बयान
रिजिजू ने कहा, " टीम आज हंगरी के लिए रवाना हो रही है और मुझे उम्मीद है कि कुछ एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगे। जूडो हमारे लिए एक प्राथमिकता वाला खेल है और हम ट्रेनिंग सुविधाओं और कोचों के मामले में क्षमता बढ़ाएंगे।"
उन्होंने कहा, " इसके पीछे 2024 और 2028 के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर सकने वाले युवा एथलीटों के प्रतिभा पूल का निर्माण करने के साथ अनुभवी एथलीटों को पूर्ण समर्थन देने की सोच है। हम आगे की योजना के लिए महासंघ के साथ विस्तृत रूप रेखा तैयार करने पर चर्चा करेंगे।"
हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाले इस आईजीएफ इवेंट में 81 देशों के करीब 645 खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है।
इस अवसर पर भारतीय दल में सबसे ऊंची रैंकिंग की खिलाड़ी सुशीला ने कहा, "हम पहली बार खेल मंत्री से मिले हैं और वह भारत में खेलों के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उनके शब्दों से हम उत्साहित हैं। लॉकडाउन के बाद फिर से खेलना अच्छा है और हम इसके लिए साई का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं, जिन्होंने हमारा सपोर्ट किया।"