Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. अन्य खेल
  4. भाला फेंक के एथलीट दविंदर सिंह कांग को डोपिंग से क्लीन चिट मिलने की उम्मीद

भाला फेंक के एथलीट दविंदर सिंह कांग को डोपिंग से क्लीन चिट मिलने की उम्मीद

कांग का नमूना पिछले साल अगस्त में लिया गया था जिसमें बेटा डेक्सामेथोसान पाया गया था जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है।

Reported by: Bhasha
Published : June 14, 2020 15:37 IST
Davinder Singh Kang
Image Source : TWITTER Javelin thrower athlete Davinder Singh Kang hopes to get clean chit from doping

नई दिल्ली। एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक में कांस्य पदक विजेता दविंदर सिंह कांग ने रविवार को कहा कि गले में खराश के लिये ली गयी दवाईयों के कारण वह डोपिंग में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने इन दवाईयों के बारे में पूर्व में सूचित कर दिया था और इसलिए उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई में क्लीन चिट मिलने की पूरी उम्मीद है। कांग का नमूना पिछले साल अगस्त में लिया गया था जिसमें बेटा डेक्सामेथोसान पाया गया था जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है। इसका उपयोग गले और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के लिये किया जाता है और चिकित्सकों की राय पर प्रतियोगिता से इतर इसका उपयोग किया जाता है। 

कांग ने जालंधर में अपने आवास से पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पिछले साल इंडियन ग्रां प्री 5 से पहले मेरे गले में संक्रमण था। मैंने टीम प्रबंधन से अनुमति ली और फिर पटियाला में एक निजी चिकित्सक से परामर्श किया। चिकित्सक ने मुझे दो दवाईयां मोक्सिटास 500 और बेटा डेक्सामेथोसान दी। डोप परीक्षण के परिणाम की वजह ये दवाईयां हैं।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘नाडा के लोग जब नमूना लेने के लिये आये तो मैंने उन्हें इन दोनों दवाईयों के बारे में बता दिया था। मैंने इन दवाईयों से अपने प्रदर्शन में किसी तरह का फायदा नहीं उठाया। इसलिए मेरी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। मैं नाडा के सामने अपनी बात रखूंगा और उम्मीद है कि मुझे डोपिंग आरोपों से मुक्त कर दिया जाएगा।’’ 

ये भी पढ़ें - आईपीएल महत्वपूर्ण, लेकिन टी20 वर्ल्ड कप को तरजीह देना जरूरी - चेतन चौहान

कांग के मूत्र का नमूना पिछले साल 16 अगस्त को पटियाला में हुई इंडियन ग्रां प्री 5 के दौरान लिया गया था। वह इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महासचिव नवीन अग्रवाल ने ट्वीट किया,‘‘दोहा की प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट के अनुसार पटियाला ग्रां प्री के दौरान हमारे एक एथलीट को ग्लूकोकोर्टिकोस्टेरायड के लिये पॉजीटिव पाया गया है।’’ 

वाडा ने पिछले साल राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला को निलंबित कर दिया था जिसके बाद भारतीय खिलाड़ियों के डोप परीक्षण दोहा प्रयोगशाला में किये जा रहे हैं। अगर कांग नाडा अनुशासनात्मक पैनल को आश्वस्त करने में नाकाम रहते हैं तो उन पर आठ साल का प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि यह उनका डोपिंग से जुड़ा दूसरा मामला होगा। 

इससे पहले 2018 में उनके नमूने में मारिजुआना पाया गया था जिसके बाद उन्हें फटकार लगाकर छोड़ दिया गया था। कांग के मामले को लेकर जब नाडा के महानिदेशक अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा,‘‘मैं किसी व्यक्तिगत मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन प्रक्रिया के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी दूसरी बार डोपिंग में पकड़ा जाता है तो उस पर आठ साल का प्रतिबंध लग सकता है। लेकिन मुझे इस एथलीट के मामले में जानकारी नहीं है।’’ वाडा संहिता के तहत दूसरी गलती पर आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान नहीं है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement