भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भालाफेंक के राष्ट्रीय कोच उवे हॉन से नाता तोड़ दिया है क्योंकि वह उनके प्रदर्शन से खुश नहीं था और वह जल्द ही दो नये विदेशी कोच नियुक्त करेगा। पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक 59 वर्षीय जर्मन हॉन का अनुबंध टोक्यो ओलंपिक तक ही था।
एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा, "हम दो नये कोच की नियुक्ति करने जा रहे हैं तथा हम उवे हॉन को बदल रहे हैं क्योंकि हम उनके प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। हम तूर (गोला फेंक के एथलीट ताजिंदरपाल सिंह तूर) के लिये भी विदेशी कोच देख रहे हैं।"
सुमरिवाला महासंघ की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में एएफआई की योजना समिति के अध्यक्ष ललित भनोट और उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जार्ज ने भी हिस्सा लिया। हॉन को ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा और टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले दो अन्य एथलीटों शिवपाल सिंह और अनु रानी जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिये नवंबर 2017 में एक साल के लिये मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
चोपड़ा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल 2018 में उनकी निगरानी में खेले लेकिन इसके बाद जर्मनी के ही क्लॉस बार्टोनीज यह भूमिका निभाने लगे थे। हॉन ने ओलंपिक से पहले यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और एएफआई ने अनुबंध स्वीकार करने के लिये उन्हें 'ब्लैकमेल' किया था।
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दोनों संस्थाओं ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया था। बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गयी जिनमें एएफआई के जूनियर (जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों का विकास) कार्यक्रम को नया स्वरूप देना, विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले अभ्यास टूर्नामेंट का आयोजन और विशेषकर जूनियर के लिये कोचिंग कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव करना शामिल है।