रोम। इटली ने यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के खिताब का जश्न न सिर्फ अपनी युवा राष्ट्रीय टीम बल्कि एक ऐसे देश के लिये भी नयी शुरुआत के रूप में मनाया जो कोरोना वायरस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित होने के बाद अब सामान्य स्थिति में लौटने की कोशिश कर रहा है। इटली की लंदन के वेम्बले स्टेडियम में इंग्लैंड पर पेनल्टी शूटआउट में जीत के बाद पूरा देश खुशी से झूम उठा। कोई कार के हार्न बजाकर अपनी खुशी व्यक्त कर रहा था तो कोई आतिशबाजी के साथ जश्न मना रहा था। रात में इटली की सड़कों की रौनक देखते ही बनती थी। लोग गा रहे थे और झूम रहे थे।
आखिर 2006 के विश्व कप के बाद पहली बार देश ने कोई बड़ा टूर्नामेंट जीता था। आखिर पिछले विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद इटली यूरोपीय चैंपियन बन गया था।
रोम में बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने वाले 29 वर्षीय फैब्रिजियो गालियानो ने कहा, ‘‘हम पिछले डेढ़ वर्ष में मुश्किल दौर से गुजरे हैं। एक ऐसा दौर जिसमें दुनिया के अन्य देशों की तरह हम भी बुरी तरह आहत रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह खिताब हमारे लिये काफी मायने रखता है। खेल हमें एकजुट करता है। आखिर हमें वह खुशी मिली जो कहीं खो गयी थी।’’
अधिकतर इतालवी लोग यूरोपीय चैंपियनशिप की जीत को देश के लिये अच्छी शुरुआत के रूप में देख रहे हैं जो पिछले 16 महीनों में महामारी और लॉकडाउन के दर्द झेलता रहा। इटली एशिया के बाहर पहला देश था जो कोविड-19 के कारण बहुत अधिक प्रभावित रहा। पिछले साल एक दौर ऐसा भी था जबकि अस्पतालों में जगह नहीं थी और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इटली में 127,000 लोगों की जान गयी जो यूरोपीय यूनियन के 27 देशों में सर्वाधिक है।
मिलान की 30 वर्षीय मिशेला सोफनेली ने कहा, ‘‘यह हर किसी के लिये मुश्किल वर्ष था लेकिन हमारे लिये यह बेहद मुश्किल था क्योंकि महामारी से प्रभावित होने वाला हमारा पहला देश था। यह जीत नयी शुरुआत का संकेत है।’’
वायरस से जुड़े अधिकतर प्रतिबंध हटा दिये गये हैं, जो प्रतिबंध हैं उन्हें इटली के प्रशंसकों ने नजरअंदाज किया। वे सड़कों पर नाच रहे थे और गा रहे थे, ‘हम यूरोप के चैंपियन हैं। ’’