लीमा। मनु भाकर, रिदम सांगवान और नामया कपूर की तिकड़ी ने आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में भारत के शानदार प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखते हुए 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया। भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में अमेरिका को 16-4 से हराया। देश को 20वां पदक पुरूष ट्रैप टीम स्पर्धा में मिला जिसमें भारतीयों को फाइनल में इटली से 4-6 से हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। बख्तयारूद्दीन मालेक, शार्दुल विहान और विवान कपूर की जोड़ी ने क्वालीफिकेशन में सात टीमों में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था। जिसमें उन्होंने 525 में से 473 अंक जुटाये थे।
इटली ने क्वालीफिकेशन में 486 के स्कोर से शीर्ष पर रहकर क्वालीफाई किया था। इससे पहले मनु ने इस स्पर्धा में चौथा स्वर्ण जीता और उसने एक कांस्य पदक भी जीता है। वहीं 14 वर्ष की कपूर का यह दूसरा स्वर्ण है। उसने 25 मीटर पिस्टल व्यक्तिगत वर्ग में भी स्वर्ण जीता था। भारत ने पुरूषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत जीता जब आदर्श सिंह अमेरिका के हेनरी टर्नर लेवेरेट से फाइनल में हार गए। भारत अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य जीतकर अंकतालिका में शीर्ष पर है।
अमेरिका छह स्वर्ण और कुल 19 पदक के साथ दूसरे स्थान पर है। मनु, रिदम और कपूर के लिये मुकाबला आसान रहा। उन्होंने जल्दी ही 10-4 की बढत बना ली और रैपिड फायर शॉट्स के बाद यह बढत 16-4 की हो गई। क्वालीफिकेशन में भी भारतीय टीम 878 स्कोर करके शीर्ष पर रही थी।
दूसरे दौर में भी अव्वल रहकर उन्होंने स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह बनाई। पुरूषों की 25 मीटर रैपिड फायर में छह खिलाड़ियों में तीन भारतीय थे।आदर्श सिंह के अलावा जुड़वा भाई उदयवीर और विजयवीर सिद्धू ने भी फाइनल में जगह बनाई थी।
क्वालीफिकेशन में उदयवीर 577 स्कोर करके चौथे स्थान पर रहे थे जबकि आदर्श 574 स्कोर के साथ पांचवें स्थान पर थे। विजयवीर 572 स्कोर करके छठे स्थान पर रहे। फाइनल में हालांकि विजयवीर और उदयवीर सबसे पहले बाहर हुए।
आदर्श ने पहली दो सीरिज में परफेक्ट 10 स्कोर किया। इसके बाद अमेरिका के टर्नर ने दबदबा बनाया और 40 में से 32 निशाने सटीक लगाकर स्वर्ण जीता। आदर्श ने 28 के साथ रजत हासिल किया। वहीं 50 मीटर राइफल प्रोन मिश्रित टीम स्पर्धा में भारत के सूर्यप्रताप सिंह और सिफ्त कौर सामरा दूसरे क्वालीफिकेशन दौर से बाहर हो गए।आशी चौकसे और संस्कार हवेलिया पहले दौर में नौवे स्थान पर रहे।