कोरोना वायरस के कारण टोक्यो ओलंपिक 1 साल के लिए स्थगित किए जा चुके हैं। इसके बावजूद खेलों के महाकुंभ पर खतरा बरकरार है क्योंकि अभी तक पूरी दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष ने आशंका जताई थी कि अगर कोरोना का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो ओलंपिक को रद्द करने के आलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
जापान के खेल दैनिक ‘निक्कन स्पोर्ट्स’ से साक्षात्कार के दौरान जब मोरी से पूछा गया कि अगर महामारी का खतरा अगले साल भी बना रहता है तो क्या खेलों को 2022 तक टाला जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं। अगर ऐसा होता है तो फिर इन्हें रद्द कर दिया जाएगा।’’
इस बीच कई लोगों ने सुझाव दिया है कि जब तक COVID-19 का टीका नहीं आ जाता तब तक खेलों का आयोजन न किया जाए। हालांकि कई लोगों ने इस बात पर असहमति जताई है। टोक्यो ओलंपिक के लिये अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के समन्वय आयोग के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि वह कुछ वैज्ञनिकों और डाक्टरों के उन सुझावों से सहमत नहीं हैं कि खेलों का आयोजन कराने के लिये कोविड-19 के टीके की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया से आईओसी सदस्य जोन कोट्स एक वकील भी हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस तरह के सुझाव देखे हैं लेकिन वह इससे सहमत नहीं हैं।
कोट्स ने ‘आस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से हमें जो सलाह मिल रही है, उसके अनुसार हमें इस तारीख के अनुसार योजना जारी रखनी चाहिए और हम ऐसा ही कर रहे हैं। और इसमें दल के लिये वैक्सीन की बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीका आ जायेगा तो अच्छा होगा। लेकिन हमें डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार और जापान स्वास्थ्य अधिकारियों के हिसाब से काम करना जारी रखेंगे।’’ वहीं मंगलवार को जापान मेडिकल संघ के अध्यक्ष योशिटेक योकोकुरा ने कहा कि जुलाई 2021 में ओलंपिक का आयोजन तभी संभव होगा जब जापान में हीं नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस संक्रमण पर काबू पा लिया जायेगा। योकोकुरा ने कहा, ‘‘मेरे विचार से ओलंपिक का आयोजन तब तक मुश्किल होगा जब तक इसका प्रभावी टीका नहीं बना लिया जाता।"
(With PTI Indputs)