भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के भीतर की लड़ाई अब अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) तक जा पहुंची है और आईओए के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने आईओसी को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा का अंतर्राष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) का चुनाव अवैध था। मित्तल ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि बत्रा ने भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष पद के दौरान आईओए को 'झूठी जानकारी' दी थीं।
मित्तल ने शनिवार को लिखे अपने पत्र में लिखा, " यह शिकायत एफआईएच के अध्यक्ष और आईओसी के सदस्य नरेंद्र बत्रा के खिलाफ है, जिन्होंने एफआईएच, हॉकी इंडिया के साथ - साथ अपने संघों को भी झूठी घोषणाएं और जानकारी दी है।"
मित्तल ने कहा कि एफआईएच का अनुच्छेद 7.2 कहता है कि एक बार अगर कोई व्यक्ति अध्यक्ष चुना जाता है तो उसे 30 दिनों के अंदर दूसरे किसी अन्य पद से इस्तीफा देना चाहिए। एफआईएच के अध्यक्ष पद पर बने रहने तक उन्हें कोई अन्य दूसरा पद स्वीकार नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, " अनुच्छेद 7.2 को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट है कि नरेंद्र बत्रा एक साथ एफआईएच के अध्यक्ष नहीं हो सकते थे और हॉकी इंडिया के साथ किसी भी पद पर नहीं रह सकते। इसी कारण से बत्रा ने दिसंबर 2016 में हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और हॉकी इंडिया में कोई पद नहीं संभाला। इसलिए बत्रा ने दिसंबर 2016 से हॉकी इंडिया में कोई कार्यकारी पद नहीं संभाला, ताकि वे एफआईएच के संविधान के अनुसार अध्यक्ष के रूप में एफआईएच का पदभार संभाल सकें।"
आईओए के उपाध्यक्ष ने कहा कि नवंबर 2017 में हॉकी इंडिया ने सदस्य के रूप में बत्रा का नाम आगे बढ़ाया था। हालांकि बत्रा ने इन आरोपों पर तक अभी तक चुप्पी साध रखी है। लेकिन उन्होंने कहा है कि वह कार्यालय पहुंचने के बाद इन आरोपों का जवाब देंगे।
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बत्रा ने कहा, " जैसा कि आप सब जानते हैं कि मैं 20 जून तक होम क्वारंटीन हूं, क्योंकि मेरे घर में कोविड-19 के सात मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। अगर मैं सही हो जाता हूं तो यह आगे नहीं बढेगा और फिर मैं 22 या 23 जून से आफिस जाना शुरू कर सकता हूं।"
बत्रा ने कहा, "सुधांशु मित्तल द्वारा छह जून को भेजे गए ईमेल से उठाए गए मुद्दों का मैं जवाब दूंगा। इसका जवाब वापस आफिस पहुंचने के बाद ही दिया जाएगा।"