नई दिल्ली| रियो ओलंपिक 2016 की ब्रोंज मेडल विजेता भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक इस समय हरियाणा के रोहतक स्थित अपने घर में ट्रेनिंग ले रही है। साक्षी का कहना है कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वह थोड़ी नरम पड़ गई थी, लेकिन आखिरकार उन्हें अहसास हुआ कि यह लंबा चल सकता है।
साक्षी ने आईएएनएस से कहा, "हां, शुरुआत में मैंने इसे हल्के में लिया क्योंकि मैं सोच रही थी कि यह केवल 15 दिन चलेगा। मैं सोच रही थी कि अगर इस समय मेरे पास कोई साथी नहीं है तो कोई बात नहीं है क्योंकि इस समय ट्रेनिंग सही नहीं होगी।"
उन्होंने कहा, "लेकिन, जाहिर तौर पर यह बढ़ता रहा है और मैंने उसी के अनुसार अपनी सोच बदली है। हम सभी को अपनी स्थितियों के अनुकूल प्रयास करने होंगे या फिर हम सभी को सभी तरह की मानसिक समस्याएं होंगी। इसलिए मैंने स्थिति के अनुसार अपनी मानसिकता भी बदल दी है। "
27 साल की साक्षी पिछले 15 साल से कुश्ती के लिए देश और दुनिया का दौरा कर रही हैं। लेकिन उन्होंने कभी ऐसे हालात नहीं देखे थे।
ओलंपिक पदक विजेता ने कहा, " मेरे जीवन में यह पहली बार है कि मैं इस तरह की चीजों का अनुभव ले रही हूं। घर में क्वारंटाइन हूं। जीवन पूरी तरह से अलग है। मैं एक जगह पर 15 दिन से ज्यादा कम ही बिताई हूं। या तो मैं ट्रेनिंग के लिए या फिर टूर्नामेंट के लिए विदेशों का दौरा करती हूं।"
उन्होंने कहा, "हां, नकारात्मक विचार कभी-कभी आते हैं। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि क्या मैं कुश्ती से बहुत दूर जा चुकी हूं। लेकिन फिर मुझे याद आता है कि यह स्थिति कुछ ऐसी नहीं है जिसका कि मैं सामना कर रही हूं। दुनिया भर में हर कोई इससे या इससे भी बदतर स्थिति से गुजर रहा है।"
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साक्षी ने कहा कि ट्रेनिंग के लिए वह अपनी विदेशी कोच एंड्रयू कूक से सलाह लेती हैं, जोकि व्हाटसऐप पर उन्हें सलाह देते हैं।
उन्होंने कहा, "वह ट्रेनिंग के लिए मुझे छोटे छोटे वीडियो भेजते हैं ताकि मैं व्यक्तिगत तौर पर उस तरह का प्रशिक्षण कर सकूं। लॉकडाउन के बाद सभी लड़कियों के साथ एक कैंप आयोजित करने की योजना है। हर किसी के लिए चोटों का खतरा है। इसलिए यह परिस्थिति नहीं है, जहां हर कोई ज्यादा कुछ कर सके।"