नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा है कि उन्हें और उनकी टीम को अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने शुक्रवार को अमेरिका को 5-1 से हराया। लेकिन शनिवार को दूसरे चरण में उसे अमेरिका ने 4-1 से हरा दिया। हालांकि एग्रीगेट स्कोर में भारतीय महिला टीम ने 6-5 से जीत दर्ज करते हुए तीसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
रानी ने अपने घर हरियाणा के शाहबाद मरकांडा पहुंचने के बाद कहा, "मुझे लगता है कि हम अभी घबराए हुए हैं। हमें अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि हमने वास्तव में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अगर हम दूसरा मैच भी जीत जाते तो फिर इसका जश्न अधिक मनाते। लेकिन मेरा मानना है कि जीत तो जीत होती है।"
भारत एक समय मुकाबले में 5-5 के स्कोर के साथ बराबरी पर था, लेकिन कप्तान रानी ने 49वें मिनट में गोल कर भारत को एग्रीगेट स्कोर में 6-5 से आगे कर दिया और टीम ने तीसरी बार ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया।
कप्तान ने कहा कि हाफ टाइम के समय ब्रेक के दौरान उन्होंने कोच शूअर्ड मरिने से बात की थी और उनकी इस बात ने मैच में सबकुछ बदल दिया।
रानी ने कहा, "हाफ टाइम के समय शूअर्ड हमसे थोड़े नाराज थे। लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि अभी भी कुछ खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने हमसे कहा कि आप यह मानकर चलो कि स्कोर अभी 0-0 है। कोच के इन शब्दों ने हमारे अंदर काफी आत्मविश्वास भर दिया। पिछले साल विश्व कप में भी हम अमेरिका के खिलाफ 0-1 से पीछे थे और फिर हमने दूसरे हाफ में ड्रॉ करा लिया।"
रानी ने केवल चौथे क्वार्टर में गोल किया और लेकिन भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में अमेरिका को गोल करने से रोके रखा।
कप्तान ने कहा, "हमने तीसरे क्वार्टर में थोड़ा जोश दिखाया और लेकिन हम फिर भी गोल नहीं कर पा रहे थे। जब हमने देखा कि तीसरे क्वार्टर में सिर्फ 30 सेकेंड बचे हैं तो फिर मैंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जितना कि मैं झोंक सकती थी।"