नयी दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व स्ट्राइकर आई एम विजयन भारतीय फुटबाल के अमेच्योर से पेशेवर बनने से अचंभित है और उनका मानना है कि फीफा अंडर-17 वि कप में टीम के प्रभावी प्रदर्शन से देश में खेल के स्तर में सुधार होगा। भारत के लिये 1989 से 2003 तक 79 मैचों में 40 गोल करने वाले विजयन को देश के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों में गिना जाता है।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि मेजबान देश के खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के दम पर लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे। विजयन ने पीटीआई से कहा, मुझो उम्मीद है कि टीम का प्रदर्शन अच्छा होगा। हम मेजबान देश हैं और टूर्नामेंट की तैयारी के लिए आयोजन प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन से हमारे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है।
उन्होंने कहा, मैंने उन्हें प्रशिक्षण और अभ्यास के दौरान देखा है और उनसे प्रभावित हूं। मैं यह कह सकता हूं कि उनमें वि कप में दमदार प्रदर्शन करने का माद्दा है।
वि कप में भारतीय टीम ग्रुप ए में कोलंबिया, अमेरिका और घाना के साथ है। भारतीय फुटबाल की चुनौतियों पर पूछे जाने पर 48 साल के इस फुटबालर ने कहा, जिस बात ने मेरा सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है वह है पेशेवरपन। अब वो दिन लद गये जब हम खुद ही अपने कमरे से पानी की बोतल लेकर बेंगलुरु स्थित साइ केन्द्र के शिविर में जाते थे।
उन्होंने कहा, उस समय मैच के बाद हमारे से चोटिल होने के बारे में पूछा जाता था। लेकिन अब, खिलाड़ियों की देख-रेख के लिये आपके पास कई चिकित्सक, फिजियो, कोच होते हैं। मैच खेलने से पहले उनकी फिटनेस की जांच होती है।
भारत सरकार द्वारा फुटबाल के लिए नियुक्त किये गये दो प्रवेक्षकों में विजयन भी शामिल हैं। वह भारत के एशिया कप 2019 ालीफाइंग मैच से पहले टीम के साथ मका दौरे पर गये थे जहां उन्होंने अभ्यास और मैच से जुड़े हर इंतजाम पर नजर रखी। उन्होंने कहा, मैंने भारतीय फुटबाल में हुये सुधारों के बारे में सरकार और एआईएफएफ को लिखा है।
उन्होंने कहा कि फुटबाल की तुलना क्रिकेट से करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, दोनों की अलग अलग जगह है। और हमारे पास दोनों की राष्ट्रीय टीमें हैं। हमें दोनों की हैसलाअफजाई करनी चाहिये। इसलिये किसी को दोनों खेलों की तुलना नहीं करनी चाहिये।