भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर लिलिमा मिंज पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय टीम की मुख्य सदस्य रही हैं। लिलिमा का 150 से भी ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम के लिए बेहद फायदेमंद होगी। उनका का मानना है कि भारतीय टीम में अगले साले होले वाले टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता है।
लिलिमा ने कहा, " हमारे पास निश्चित रूप से टोक्यो में पदक जीतने की क्षमता है। जब मैं 2013 में पहली बार टीम से जुड़ी थी तब से टीम ने काफी प्रगति की है। मुझे लगता है कि पहले हमारे अंदर विश्वास की कमी थी, लेकिन अब हम दुनिया में किसी भी शीर्ष टीम के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।"
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26 वर्षीय लिलिमा ने करियर की शुरूआत फॉरवर्ड के रूप में की थी और लेकिन बाद में वह मिडफील्डर बन गई।
उन्होंने कहा, " जब मैंने पहली बार हॉकी खेलना शुरू किया था, तो हम एक ऐसी प्रणाली में खेले थे, जिसमें हमारी टीम में पांच फॉरवर्ड थे और मैं एक विंगर के रूप में खेलती थी। बाद में हमारे कोच ने मुझे मिडफील्ड क्षेत्र में स्थानांतरित करने का फैसला किया क्योंकि मेरे पास लगातार ऊपर-नीचे होने की सहनशक्ति और धैर्य था।"
लिलिमा ने कहा, "मिडफील्डर बनना बहुत दिलचस्प रहा क्योंकि हम मैचों के दौरान फॉरवर्ड और डिफेंडरों का समर्थन करते हैं। अगर हम आक्रमण कर रहे हैं, तो हम गेंद को जितना संभव हो उतना आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं। अगर हमारे विरोधियों के पास गति है तो हम डिफेंडरों का साथ देते हैं। "