मडगांव| इंडियन सुपर लीग ट्रॉफी दो बार जीतने वाले एकमात्र मुख्य कोच एटीके के एंटोनियो हबास का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में बेहतर खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के आने से यह लीग अधिक पेशेवर बन गई है। हबास ने कहा कि उनके मार्गदर्शन में 2014 में जीते खिताब की तुलना में शनिवार को यहां फाइनल में चेन्नईयिन एफसी को हराकर जीता गया खिताब अधिक महत्वपूर्ण है।
कोविड-19 महामारी के खतरे के कारण फाइनल खाली स्टेडियम में खेला गया जिसे एटीके ने चेन्नईयिन को 3-1 से हराकर जीता। पहले आईएसएल खिताब और मौजूदा खिताब की तुलना के बारे में पूछने पर हबास ने कहा, ‘‘यह अलग है क्योंकि पहले सत्र में आईएसएल मौजूदा स्तर की प्रतियोगिता नहीं थी। अब यह अधिक पेशेवर है। अब बेहतर कोच, बेहतर खिलाड़ी, अधिक टीमें, प्रतियोगिता का अधिक समय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह खिताब पहले खिताब की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है लेकिन पहला खिताब भी महत्वपूर्ण था क्योंकि वह पहला खिताब था।’’ लीग के छह साल के इतिहास में एटीके इसका खिताब तीन बार जीतने वाली पहली टीम है। टीम ने 2016 में भी यह खिताब जीता था। चेन्नईयिन एफसी की टीम दो बार यह खिताब जीत चुकी है। सत्र की शुरुआत में टीम को मुख्य खिलाड़ियों की चोट के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा था और कोच हबास ने खिताब का श्रेय टीम के सामूहिक प्रयास को दिया।