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Year Ender 2017: भारतीय बैडमिंटन के लिए यादगार रहा ये साल

अगर साल 2017 में किसी खेल में भारत ने सबसे ज्यादा कामयाबी हासिल की है तो वो बैडमिंटन। इस साल भारतीय शटलरों ने दिखा दिया बैडमिंटन का पावर हाउस कहा जाने वाले चीनी खिलाड़ी भी उनके सामने नहीं टिक पाते।

Written by: India TV Sports Desk
Updated : December 27, 2017 15:20 IST
2017 छाए रहे बैडमिंटन...
2017 छाए रहे बैडमिंटन खिलाड़ी

नई दिल्ली: अगर साल 2017 में किसी खेल में भारत ने सबसे ज्यादा कामयाबी हासिल की है तो वो बैडमिंटन। इस साल भारतीय शटलरों ने दिखा दिया बैडमिंटन का पावर हाउस कहा जाने वाले चीनी खिलाड़ी भी उनके सामने नहीं टिक पाते। भारतीय शटलर बीच-बीच में चीनी खिलाड़ियों को मात तो देते रहते हैं लेकिन ओवरऑल इस खेल में चीन के वर्चस्व को चुनौती देना अभी तक मुश्किल रहा है। चीनी की चुनौती का सामना करने के लिए हमारे जेहन में सायना नेहवाल या पीवी सिंधु के ही नाम आते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है, किदांबी श्रीकांत, बी साईं प्रणीत और एचएस प्रणॉय जैसे खिलाड़ियों ने बैडमिंटन के कोर्ट पर पुरुष वर्ग में भारत का झंडा लहराया है।

इस साल दुनिया भर के स्टेडियमों में कई मौकों पर राष्ट्रगान बजता सुनाई दिया क्योंकि सिंधु और श्रीकांत ने कई एलीट बैडमिंटन टूर्नामेंट के पोडियम पर जगह बनाई। सिंधु ने तीन खिताब और तीन सिल्वर मेडल के साथ विश्व की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच अपना दावा पुख्ता किया तो वहीं श्रीकांत ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चार खिताब जीते जबकि एक टूर्नामेंट में वो रनर अप रहे। 

साल 2017 में पुरुष खिलाड़ी अपनी साथी महिला खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहे जिसमें बी साई प्रणीत और एचएस प्रणय ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया। 

साइना नेहवाल भी मजबूत वापसी करने में सफल रही। जबकि युगल खिलाड़ियों ने भी छाप छोड़ी। भारत ने तौफीक हिदायत को कोचिंग दे चुके इंडोनेशिया के मुल्यो हंडोयो को भी कोच नियुक्त किया। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डा. अखिलेश दास गुप्ता का निधन दुख भरी खबर रही जिसके बाद डा. हिमांत बिस्व शर्मा ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। 

साल का आकर्षण हालांकि सिंधु के कुछ कड़े मैच रहे जिन्हें लंबे समय तक भूला नहीं जा सकेगा। 22 साल की सिंधु को जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ 110 मिनट चले रोमांचक फाइनल में हार झेलनी पड़ी। इसके अलावा कोरिया ओपन और दुबई सुपर सिरीज़ फाइनल के खिताबी मुकाबले भी उनके लिए भावनात्मक रूप से थकाने वाले रहे। 

हैदराबाद की इस खिलाड़ी को विश्व चैंपियनशिप, हांगकांग ओपन और दुबई सुपर सिरीज़ फाइनल के खिताबी मुकाबले में हार झेलनी पड़ी लेकिन वह दो सुपर सिरीज़ इंडिया ओपन तथा कोरिया ओपन और सैयद मोदी ग्रां प्री का खिताब जीतने में सफल रही। 

दूसरी तरफ श्रीकांत एक सत्र में चार सुपर सिरीज़ जीतने वाले पहले भारतीय बने। उनसे पहले महान खिलाड़ी लिन डैन, ली चोंग वेई और चेन लोंग ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। 

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