नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा है कि इस सप्ताह गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प के मद्देनजर वह चीनी उत्पादों और प्रायोजकों का बहिष्कार करने को तैयार है। सीमा पर गलवान में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के बाद चीन विरोधी माहौल गर्म है।
चार दशक से ज्यादा समय में पहली बार भारत चीन सीमा पर हुई हिंसा में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए । आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि वे देश के साथ है और ‘लि निंग’ जैसे चीनी प्रायोजकों का बहिष्कार करने को तैयार है जिसके साथ तोक्यो ओलंपिक तक का करार है।
मेहता ने कहा,‘‘हमारा लि निंग के साथ किट साझेदार के तौर पर तोक्यो ओलंपिक तक का करार है लेकिन देश सर्वोपरि है और आईओए भी अलग नहीं है। यदि सदस्यों को ऐसा लगता है तो हम यह फैसला ले सकते हैं।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ आईओए देश के साथ है।’’ आईओए कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने कहा,‘‘मेरा मानना है कि देश के जज्बात को समझते हुए आईओए को लि निंग से करार तोड़ देना चाहिये।’’
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने कहा कि अगली कार्यकारी समिति की बैठक में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ने को लेकर चर्चा होगी। आईओए ने लि निंग के साथ मई 2018 में अनुबंध किया था जिसके तहत यह चीनी कंपनी भारतीय खिलाड़ियों को 5 से 6 करोड़ रूपये की किट मुहैया करायेगी।