नई दिल्ली। भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 2022 फीफा विश्व कप के एशियाई क्वालीफाइंग मैचों को अगले साल के लिए स्थगित करने के एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि खिलाड़ियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। पिछले सप्ताह एएफसी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण 2022 विश्व कप एवं 2023 एशियाई कप के अक्तूबर और नवंबर में होने वाले सभी पुरुष क्वालीफायर मुकाबलों को स्थगित कर दिया था।
इस महामारी की चपेट में दुनिया भर में दो करोड़ से ज्यादा लोग हैं। भारत विश्व कप क्वालीफायर के अगले दौर में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो चुका है लेकिन अब भी 2023 एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करने की दौड़ में बना हुआ है। टीम को आठ अक्तूबर को घरेलू मैदान पर कतर से भिड़ना था जबकि इसके बाद नवंबर में अफगानिस्तान के खिलाफ घरेलू सरजमीं और बांग्लादेश के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेलना था।
एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) टीवी से गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ‘‘मुझे इसका अहसास था। महामारी के कारण अभी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को फिर से शुरू करने के मामले में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
सुरक्षा को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मैदान में वापसी करने को लेकर व्याकुल हूं। मैं आश्वस्त हूं कि बाकी खिलाड़ियों के लिए भी ऐसा ही है। एक खिलाड़ी के दृष्टिकोण से यदि आपको खेलने का एक मौका नहीं मिलता है तो आप अगले मौके के लिए तैयार हो जाते हैं।’’
इस स्थगन के कारण भारतीय फुटबॉल टीम इस साल कोई मैच नहीं खेलेगी। भारत ने अपना पिछला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला पिछले साल नवंबर में मस्कट में ओमान के खिलाफ खेला था जो संयुक्त क्वालीफाइंग मैच था। भारत यह मैच 0-1 से हार गया था।
टीम के मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा ने कहा, ‘‘ इस घोषणा के बाद मेरा पहला विचार यह था कि वापसी के लिए हमारा इंतजार और लंबा होगा। लेकिन हमें बड़े नजरिए से भी सोचने की जरूरत है। सुरक्षा महत्वपूर्ण है। मैं पूरी तरह से फैसले के साथ खड़ा हूं।’’
डिफेंडर आदिल खान का मानना है कि यह स्थगन ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है लेकिन इसे ‘सभी खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।’ आदिल ने कहा, ‘‘ यह कुछ ऐसा है जिससे बचा नहीं जा सकता है। हम सभी मैदान पर नहीं जाने से काफी दुखी है। लेकिन दूसरी ओर, हमें किसी मैच के आयोजन में शामिल सभी की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।’’
आदिल के साथी डिफेंडर प्रीतम कोटल को भी लगता है कि खेलने के लिए अलग-अलग स्थलों पर जाने वाले खिलाड़ियों के लिए यह बड़ा जोखिम हो सकता है। कोटल ने कहा, ‘‘ हम सभी ने देखा कि बांग्लादेश के खिलाड़ियों और भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों के साथ क्या हुआ।
उनमें से कई जांच में इस बीमारी से संक्रमित निकले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि जब आपके सामने इस तरह की स्थिति होती है, तो अंतरराष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों में देरी करना समझदारी है।’’