नई दिल्ली| भारतीय मुक्केबाजी फेडरेशन ने ओलंपिक का टिकट हासिल करने वाले मुक्केबाजों के लिए 10 जून से प्रशिक्षण शिविर शुरू करने की योजना बनाई है जिसमें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जरूरी सुरक्षा के साथ पुरूष और महिला खिलाड़ी पटियाला में अभ्यास करेंगे। शिविर में हालांकि मुक्केबाजों को रिंग में जाने की अनुमति नहीं होगी और उन्हे दूसरे मुक्केबाज के साथ स्पैरिंग (मुक्केबाजी अभ्यास) पर भी रोक होगी।
इसका फैसला एक वीडियो कांफ्रेंस में हुआ जिसमें ओलंपिक के लिए चुने गये मुक्केबाजों के अलावा बीएफआई के कार्यकारी निदेशक आरके सचेती, उपाध्यक्ष राजेश भंडारी, हाई परफोर्मेंस निदेशकों सैंटियागो नीवा (पुरुष) और राफेल बर्गमास्को (महिला) के साथ मुख्य राष्ट्रीय कोच सीए कटप्पा (पुरुष) और मोहम्मद अली कमर (महिला) मौजूद थे। फेडरेशन के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से बताया, ‘‘ यह आगे की योजना है। मुक्केबाजों का मानना था कि भले ही उन्होंने अब तक बहुत अच्छा काम किया हो लेकिन शिविर के औपचारिक प्रशिक्षण का कोई विकल्प नहीं है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘ महिला मुक्केबाज (जो दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में प्रशिक्षण कर रहीं थी) भी एनआईएस (राष्ट्रीय खेल संस्थान) पटियाला में आयोजित होने वाले संयुक्त शिविर में भाग लेंगी।’’ तोक्यो ओलंपिक के लिए नौ भारतीय मुक्केबाजों ने क्वालीफाई किया है जिसमें अमित पंघाल (52 किग्रा), मनीष कौशिक (63 किग्रा), विकास कृष्णन (69 किग्रा), आशीष कुमार (75 किग्रा), सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक), एमसी मेरीकोम (51 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लोवलिना बोरगोहिन (69 किग्रा) और पूजा रानी (75 किग्रा) शामिल है।
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इन मुक्केबाजों में से विकास, मनीष और आशीष वीडियों कांफ्रेस से नहीं जुड़ सके लेकिन उन्होंने 10 जून से शिविर के लिए हामी भर दी है। गृहमंत्रालय से स्टेडियम और खेल परिसरों को खिलाड़ियों के लिए खोलने की अनुमति मिलने के बाद भी शिविर को तुरंत शुरू नहीं करने का फैसला किया गया। यह 31 मई तब लागू देशव्यापी अंतरराज्यीय लॉकडाउन के दौरान यात्रा संबंधी परेशानी को देखते हुए लिया गया। कोविड-19 महामारी के कारण मार्च में देशभर में लागू हुए लॉकडाउन के कारण मुक्केबाज अपने घर पर ही अभ्यास कर रहे थे।