नई दिल्ली| भारतीय मुक्केबाज इस सप्ताह के आखिर में अपने आइसोलेशन अवधि को समाप्त कर सोमवार से औपचारिक अभ्यास शिविर को फिर से शुरु करेंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने ‘अनजाने’ में कोविड-19 आइसोलेशन नियमों को तोड़ने वाले मुक्केबाजों को माफ कर दिया जिससे वे भी इसका हिस्सा होंगे। विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता एवं ओलंपिक पदक के दावेदारों में से एक अमित पंघाल सहित पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) परिसर में आइसोलेशन में रहे अन्य मुक्केबाज और कोचों का तीसरी बार कोरोना वायरस जांच का नतीजा नेगेटिव आया हैं।
मुक्केबाजो के साथ मौजूद कोच ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘औपचारिक अभ्यास सोमवार से फिर से शुरू होगा। अभी सब कुछ ठीक है। कुछ समय के लिए सब कुछ साइ के मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत होगा। इसमें खिलाड़ियों को स्पैरिंग और रिंग में जाने की अनुमति नहीं होगी।’’
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले विकास कृष्णन और सतीश कुमार द्वारा पृथकवास नियमों के उल्लंघन के कारण खिलाड़ियों और कोचों को तीसरी बार कोविड-19 के लिये जांच करनी पड़ी। एनआईएस में साथी एथलीटों द्वारा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज किए जाने के बाद उन्हें शिविर छोड़ने के लिए कहा गया था। तोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुके खिलाड़ियों के लिए हो रहे इस शिविर में छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकोम और तेजी से उभरती लवलीना बोरगोहिन जैसी महिला मुक्केबाज भी शामिल हो रही हैं। मेरीकोम और बोरगोहिन दोनों दिल्ली और असम में अपने-अपने घरों में अभ्यास कर रहे हैं।
महासंघ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘परिस्थितियों के हिसाब से शिविर वैकल्पिक है। इसलिए इस में शामिल होने का फैसला मुक्केबाजों को करना था। यह सुचारू रूप से आगे बढ़ना चाहिए।’’ विकास और सतीश द्वारा नियमों को तोड़ने की जांच कर रहे साइ की जांच समिति ने कहा कि इन खिलाड़ियों से अनजाने में नियम टूटा था। साइ के सचिव रोहित भारद्वाज की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के बाद दोनों को शिविर में शामिल होने की छूट दे दी गयी।
साइ के बयान के मुताबिक, ‘‘जांच-पड़ताल के दौरान, मुक्केबाजों ने स्वीकार किया कि उन्होंने आइसोलेशन नियमों का उल्लंघन किया है। जांच में पाया गया है कि यह जानबूझकर उल्लंघन नहीं था, लेकिन आइसोलेशन नियमों के बारे में मुक्केबाजों की जागरूकता की कमी से ऐसा हुआ।’’
बयान में कहा गया, ‘‘ यह असामान्य परिस्थितियां हैं जहां खिलाड़ियों के लिए पृथकवास और एसओपी नये हैं। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वे शिविर में प्रशिक्षण फिर से शुरू कर सकते हैं।’’