नई दिल्ली| मुक्केबाज अमित पंघल को अपने कोच अनिल कुमार धनकड़ के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (एनआईएस) में लगाए जा रहे शिविर में आने का इंतजार है। अमित पटियाला स्थित एनआईएस में जुलाई से अभ्यास कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह जितना अभ्यास लॉकडाउन में धनकड़ के साथ करते थे वो एनआईएस में किए जा रहे अभ्यास से ज्यादा प्रभावी।
अमित ने आईएएनएस से कहा, "मुझे जो ताजा जानकारी मिली है उसके मुताबिक, फाइल खेल मंत्रालय भेजी जा चुकी है। लेकिन अभी तक कुछ भी पक्का नहीं है।"
अमित ने पिछले साल दिसंबर में धनकड़ को राष्ट्रीय शिविर में अपने साथ ले जाने की अपील की थी।
52 किलोग्राम भारवर्ग में नंबर-1 मुक्केबाज अमित ने कहा, "मैं उनके साथ अपनी बेसिक ट्रेनिंग और फिटनेस अच्छे से कर सकता हूं। मैंने टूर्नामेंट से पहले और बाद में उन्हीं के साथ अभ्यास करता हूं और इससे मुझे फायदा होता है। इसिलए अगर वह मेरे साथ हर समय रहेंगे तो यह मेरे लिए काफी अच्छा होगा।"
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उन्होंने कहा, "मेरे विचार में मैं ज्यादा पीछे नहीं हूं, क्योंकि मैं घर पर अपने कोच के साथ हमेशा अभ्यास कर रहा था। मैं जिस तरह से उनके साथ ट्रेनिंग कर रहा था, मुझे नहीं लगता कि मैं उस तरह का अभ्यास यहां कर पाऊंगा। इसिलए मैंने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) से ओलम्पिक के लिए उन्हें अपने साथ रखने की अपील की है।"
साई की एसओपी के मुताबिक ट्रेनिंग में फिजिकल कॉन्टेक्ट की मनाही है जिसका मतलब है कि शिविर में जो मुक्केबाज हैं वो मुकाबला नहीं कर सकते। अमित ने कहा कि पाबंदियों ने बोरियत पैदा कर दी है लेकिन यह खिलाड़ियों के लिए अपनी कमजोरी पर काम करने के लिए सही है।
उन्होंने कहा, "हां, यह बोरिंग है, क्योंकि हम बाहर नहीं जा सकते। हम बीते तीन महीनों से घर नहीं गए। लेकिन यह ट्रेनिंग के लिए अच्छा है। मैंने देखा कि मेरी ताकत शुरुआत में कम थी और इस पर हम बाकी चीजों के साथ काम कर रहे हैं।"
अमित ने कहा, "यह समय है मुकबाला शुरू किया जाए। तीन महीनों से हम यहां है और हम में से किसी को किसी तरह की बीमारी नहीं हुई है। अगर हम अपने साथियों के साथ ट्रेनिंग कर सकते हैं तो यह अच्छा होगा। हो सकता है कि हम अगले महीने से यह शुरू कर दें इटली जाने के बाद।"