नई दिल्ली: 6 अक्टूबर से भारत में फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप का आगाज हो रहा है। जिसमें दुनिया भर की 24 टीमें खिताब के लिए जोरआजमाइश करेंगी। भारत पहली बार फीफा की के किसी टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। भारत को ग्रुप ए में कोलंबिया, घाना और अमेरिका के साथ रखा गया है। घाना इस ग्रुप में सबसे मुश्किल टीम है उसने फीफा अंडर-17 टूर्नामेंट में आठ बार भाग लिया है। घाना ने 1991 और 1995 में दो बार विश्व कप जीता है और अब उसकी कोशश तीसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाने की होगी।
वहीं कोलंबिया को भी कमजोर नहीं आंका जा सकता। उसने फीफा अंडर-17 टूर्नामेंट में पांच बार भाग लिया है। इस टूर्नामेंट में इस टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ 2003 और 2009 में दिया। दोनों ही बार यह टीम तीसरे स्थान पर रही। हालांकि 2009 के बाद बीच के वर्षों में टीम इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही।
जबकि अमेरिका की टीम से भी भारत को कड़ी टक्कर मिलेगी। अमेरिका ने फीफा अंडर-17 टूर्नामेंट में 15 बार भाग लिया है। इस टूर्नामेंट में उसका बेस्ट 1999 में आया, जब इसने चौथा स्थान हासिल किया। इसके अलावा यह टीम चार बार क्वार्टर फाइनल में भी जगह बनाने में सफल रही।
मुश्किल ग्रुप मिलने के बावजूद भारतीय टीम के कोच लुइस नॉर्टन डी माटोस का मानना है कि टीम का मनोबल काफी ऊंचा है। कोच ने कहा कि 'हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी टीम आत्मविश्वास से लबरेज है और अपने दर्शकों के सामने नॉकआउट स्टेज में पहुंचने के लिए बेताब है। माटोस के अनुसार भारतीय खिलाड़ियों को पूरे 90 मिनट अपनी एकाग्रता को बनाए रखना होगा। मैंने अपने खिलाड़ियों को यही बताया है कि अपनी एकाग्रता बनाए रखें और मौके मिलने का इंतजार करें।'