काठमांडू। तैराकी और कुश्ती में भारतीय खिलाड़ियों ने रविवार को 13वें दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) में अपना दबदबा कायम रखा जिससे भारत के कुल पदकों की संख्या 250 के पार कर गयी। तैराकों ने सात स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक हासिल किये जबकि पहलवानों ने चारों स्वर्ण पदक अपने नाम किये जिससे भारत ने प्रतिस्पर्धा के सातवें दिन रविवार को 22 स्वर्ण 10 रजत और छह कांस्य पदक के साथ कुल 38 पदक हासिल किये।
भारत के कुल पदकों की संख्या 252 (132 स्वर्ण, 79 रजत और 41 कांस्य) पहुंच गया है जो दूसरे स्थान पर काबिज नेपाल (45 स्वर्ण, 44 रजत, 76 कांस्य के साथ कुल 165 पदक) से काफी आगे है। श्रीलंका 197 पदकों (36 स्वर्ण, 68 रजत, 93 कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर है। हैंडबाल के महिला वर्ग में भारत ने एक स्वर्ण और एक रजत जबकि पुरूषों के वर्ग में एक रजत पदक हासिल किया।
तलवारबाजी में भी भारत ने रविवार को तीनों स्वर्ण जीते। पुरुषों के एपि, पुरुषों के साब्रे और महिलाओं की फॉइल टीम स्पर्धाओं में भारत शीर्ष पर रहा। तैराकी में पुरुषों के 400 मीटर फ्रीस्टाइल में कुशाग्र रावत पहले जबकि आनंद शायलजा दूसरे स्थान पर रहे। सुप्रिय मंडल ने पुरुषों के 200 मीटर बटरफ्लाई में स्वर्ण तो वहीं मिहिर अंब्रे ने कांस्य जीता। श्रीहरि नटराज और माना पटेल 50 मीटर बैकस्ट्रोक में क्रमश: पुरुष और महिला वर्ग के स्पर्धाओं में जीत हासिल की जबकि चार गुणा 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले पुरुष और महिला टीमें भी अपनी अपनी स्पर्धाओं में शीर्ष पर रही।
तैराकी में भारत के लिए दिन का सातवां स्वर्ण अपेक्षा फर्नांडिज ने महिलाओं के 200 मीटर बटरफ्लाई में दिलाया। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक की अगुवाई में भारतीय पहलवानों ने कुश्ती में चार स्वर्ण पदक जीते। साक्षी के चारों मुकाबले एकतरफा रहे लेकिन रविंदर को पाकिस्तान के एम बिलाल को हराने के लिये मशक्कत करनी पड़ी। पवन कुमार (पुरुष फ्रीस्टाइल 86 किग्रा) और अंशु (महिला 59 किग्रा) ने भी अपने अपने वर्गों में स्वर्ण पदक जीता।
राष्ट्रमंडल खेलों के मौजूदा चैंपियन विकास कृष्णन (69 किग्रा) और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता पिंकी रानी सहित भारत ने सात मुक्केबाजों ने फाइनल में जगह बनायी। पुरुष वर्ग में विकास के अलावा स्पर्श (52 किग्रा), वरिंदर (60 किग्रा) ओर नरेंदर (91 किग्रा से अधिक) ने जबकि महिला वर्ग में पिंकी रानी (51 किग्रा), सोनिया लाठेर (57 किग्रा) और मंजू बोम्बोरिया (64 किग्रा ने फाइनल में प्रवेश किया।
भारत के केवल एक मुक्केबाज सचिन (81 किग्रा) को हार का सामना करना पड़ा। भारत के आठ मुक्केबाज शनिवार को फाइनल में पहुंचे थे। इस तरह से अब कुल 15 भारतीय मुक्केबाज खिताबी मुकाबले में जगह बना चुके हैं।