भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के 69 किग्रा भार वर्ग, जिसे वेल्टरवेट कटेगरी भी कहा जाता है, उसके सेमीफाइनल मुकाबले में बुधवार को तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों 0-5 से हार का सामना कर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है। सभी जजों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया और इसके साथ ही असम की मुक्केबाज लवलीना का फाइनल में जाने का सपना चकनाचूर हो गया और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। लवलीना के कांस्य जीतने के साथ ही भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपना तीसरा पदक हासिल कर लिया है।
लवलीना से पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने महिला एकल वर्ग में भारत को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाया है। इस खुशी के मौके पर भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लवलीना के लिए ट्वीट्स किए हैं।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग ने लिखा, "बेहतरीन लवलीना! ओलंपिक पदक जीतने वाली सिर्फ तीसरी मुक्केबाज। बधाई हो लवलीना बोरहोगेन ब्रॉन्ज जीतने के लिए।"
आपको बता दें कि लवलीना से पहले बॉक्सर विजेंद्र सिंह (2008 बीजिंग) और एमएसी मैरी कॉम (2012 लंदन) ने ओलंपिक पदक जीता था।
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