नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला श्रीलंका में खेली जा सकती है जिसकी आधिकारिक घोषणा 27 नवंबर को होने की संभावना है। बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया था वह संयुक्त अरब अमीरात में नहीं खेलेगा जबकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत में खेलने से इन्कार कर दिया। ऐसे में दोनों देशों के बीच श्रीलंका ही विकल्प बचा था जो नैसर्गिक स्थल होगा।
बीसीसीआई के शीर्ष सूत्रों के अनुसार इस श्रृंखला के लिये केवल एक महीने का समय खाली पड़ा है और ऐसे में शुरूआती दो टेस्ट, पांच वनडे और दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के बजाय इसमें केवल तीन वनडे और दो टी-20 होने की संभावना है।
बीसीसीआई अध्यक्ष और आईसीसी के वर्तमान चेयरमैन शशांक मनोहर और पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान व सीनियर अधिकारी नजम सेठी के बीच यहां ईसीबी प्रमुख और पाकिस्तान टास्क फोर्स के चेयरमैन जाइल्स क्लार्क की उपस्थिति में बैठक के बाद प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
सेठी और खान दोनों ने कल कहा था कि मनोहर के साथ बैठक उपयोगी रही। उन्होंने विस्तार से नहीं बताया लेकिन इससे साफ संकेत दे दिया कि इस श्रृंखला को लेकर बना गतिरोध समाप्त हो गया है।
सूत्रों ने कहा कि पीसीबी को आधिकारिक घोषणा करने से पहले नवाज शरीफ से अनुमति लेने की जरूरत है। शहरयार खान को लाहौर जाकर प्रधानमंत्री से अनुमति लेनी पड़ेगी। एक बार उन्हें अपने प्रधानमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद वह फिर से दुबई जाकर क्लार्क को फैसले से अवगत कराएंगे। क्लार्क संभवत: 27 नवंबर को आधिकारिक घोषणा करेंगे।
पता चला है कि पीसीबी ने श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) से संपर्क किया है और लगता है कि वे श्रृंखला की मेजबानी के इच्छुक हैं।
श्रृंखला के मैच दो स्टेडियमों खेटरामा (आर प्रेमदासा स्टेडियम) और पल्लेकल (कैंडी) में हो सकते हैं। अभी श्रीलंका में लौटता मानसून हावी है लेकिन दिसंबर के आखिरी चरण में वहां मौसम अच्छा रहने की भविष्यवाणी की गयी है।
खेटरामा में कुछ टी-20 मैच होने हैं लेकिन आधिकारिक घोषणा होने के बाद एसएलसी उनका कार्यक्रम फिर से तैयार करेगा। यह पहला अवसर है जबकि 2009 के लाहौर हमले के बाद पाकिस्तान की घरेलू श्रृंखलाओं का आयोजन उसके स्थल बने यूएई में टेस्ट खेलने वाले किसी देश ने खेलने से इन्कार किया है।
बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर यूएई में अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के सख्त विरोधी थे। यहां तक कि पिछले साल लोकसभा चुनावों के कारण जब आईपीएल का पहला चरण यूएई में करवाया गया था तो मनोहर ने उसकी भी आलोचना की थी।