भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को उम्मीद है कि टीम इस बार ओलम्पिक में देश का 40 साल का सूखा खत्म कर पदक जीतकर लौटेगी। भारत ने ओलम्पिक में आखिरी पदक 1980 में मास्को में जीता था। इसके बाद भारत ने आठ बार ओलम्पिक में हिस्सा लिया है लेकिन एक भी बार पदक जीत कर नहीं ला पाई है। मनप्रीत हालांकि नहीं चाहते कि टीम अतीत को देखे बल्कि वह चाहते हैं कि टीम अपनी ताकत पर ध्यान दे।
मनप्रीत ने कहा, "हम अतीत के रिकॉर्ड को देखना नहीं चाहते। हर मैच सीखने के लिहाज से अच्छा है। हम ओलम्पिक में सकारात्मक सोच और अच्छे प्रदर्शन के बाद जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "हम टोक्यो ओलम्पिक में जाने को लेकर आत्मविश्वासी है। हमने हाल ही में विश्व चैम्पियन बेल्जियम को हराया है जो बताता है कि हम टूर्नामेंट में सकारात्मकता के साथ जाएंगे। हम कोशिश करेंगे कि अच्छी हॉकी खेल सकें और देश के लिए ओलम्पिक पदक जीत सकें।"
मिडफील्डर के मुताबिक भारत को अपने डिफेंस को और मजबूत करने तथा उसमें निरंतरता लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "ओलम्पिक में जाने को लेकर कई सकारात्मक पहलू हैं। उदाहरण के तौर पर हम काउंटर अटैक में काफी खतरनाक हैं। हम पेनाल्टी कॉर्नर को भी गोल में बदलने में अच्छा कर रहे हैं क्योंकि हमारी टीम के पास अच्छे ड्रैग फ्लिकर हैं। इसलिए हम उनका जितना उपयोग करेंगे हम उतने ही बेहतर होते जाएंगे। जैसा मैंने पहले कहा, हम अपने डिफेंस को सुधारने और उसमें निरंतरता लाने की कोशिश कर रहे हैं।"