हैदराबाद: पीवी सिंधु का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों को एशियाई खेलों की तैयारी के लिए भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को तैयारी का समय नहीं मिला लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वे 2018 टूर्नामेंट की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। पिछली बार वो सिर्फ एक कांस्य पदक जीत पाए थे। भारतीय महिला टीम ने चार साल पहले इंचियोन में कांस्य पदक जीता था और सिंधु को उम्मीद है कि वे 18 अगस्त से शुरू हो रहे इन खेलों में इस बार पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे।
रविवार को विश्व चैंपियन में अपना दूसरा रजत और कुल चौथा पदक जीतने वाली सिंधू ने कहा,‘‘निश्चित तौर पर यह काफी अलग होने वाला है क्योंकि हमें टीम स्पर्धाओं के अलावा व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भी हिस्सा लेना है। तैयारी के लिए काफी समय समय है लेकिन एक टीम के रूप में पिछली बार हमने कांस्य पदक जीता था। इस बार हमें बेहतर पदक की उम्मीद है। साथ ही व्यक्तिगत स्पर्धा में मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी। विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक से मनोबल बढ़ा है, मुझे उम्मीद है कि मैं आगे बढ़ूंगी और अच्छा प्रदर्शन करूंगी।’’
भारत ने एशियाई खेलों की महिला एकल स्पर्धा में अब तक कभी कोई पदक नहीं जीता है। आठ बार के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन सैयद मोदी एशियाई खेलों में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत पदक विजेता हैं जिन्होंने 1982 में नयी दिल्ली खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था।
सिंधु ने लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियनशिप के फाइनल के सफर के दौरान जापान की नोजोमी ओकुहारा और अकाने यामागुची तथा कोरिया की सुंग जी ह्युन जैसी स्टार खिलाड़ियों को हराया। सिंधु की शानदार फॉर्म को देखते हुए मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को एशियाई खेलों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि क्वार्टर फाइनल में ओकुहारा और सेमीफाइनल में यामागुची को हराना काफी अच्छा रहा। उसने (सिंधू ने) उन दोनों को जिस तरह से हराया वह शानदार था। हमें आगामी 10 दिन में एशियाई खेलों में एक और सफल प्रतियोगिता की उम्मीद है।’’