तोक्यो। भारतीय बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू ने रविवार को तोक्यो ओलंपिक में जीत से शुरुआत करने के बाद कहा कि वह पिछले पांच साल से अपनी आक्रामकता और तकनीक पर काम कर रही थी। पांच साल पहले तक सिंधू को पदक का दावेदार नहीं माना जाता था लेकिन उन्होंने रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके रजत पदक जीता था। तोक्यो में इस 26 वर्षीय खिलाड़ी को भारत की तरफ से स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीद माना जा रहा है।
सिंधू ने इस्राइल की सेनिया पोलिकारपोवा के खिलाफ सीधे गेम में जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘‘मानसिक, शारीरिक और अनुभव के लिहाज से काफी कुछ बदल गया है। यहां (तोक्यो 2020) में आना पूरी तरह से भिन्न है। वहां (रियो 2016) में तब किसी तरह की अपेक्षाएं नहीं थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि इन वर्षों में मैंने कड़ी मेहनत की है और मुझे लगता है कि अब उसे दिखाने का समय है। मैं अपनी आक्रामकता और तकनीक पर काम कर रही हूं और आपको निश्चित तौर पर अलग तरह की सिंधू देखने को मिलेगी। ’’
मितभाषी सिंधू को पांच साल पहले तक अपनी आक्रामकता के लिये नहीं जाना जाता था। वह मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद थे जिन्होंने रियो खेलों से पहले उन्हें आक्रामक खिलाड़ी के रूप में तैयार किया। छठी वरीय सिंधू ने कहा, ‘‘रियो में वह पदक जीतना शानदार था। तोक्यो एक नयी शुरुआत है। हर दिन के लिये तैयार रहना महत्वपूर्ण है क्योंकि आप उम्मीद नहीं कर सकते कि आप फिर से पदक विजेता बनेंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह आसान नहीं है क्योंकि प्रत्येक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और कोई भी आपको आसानी से नहीं जीतने देगा। ’’