नई दिल्ली। भारत के महानतम ओलंपियन अभिनव बिंद्रा ने बुधवार को कहा कि 2008 में बीजिंग ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के तुरंत बाद उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था। बिंद्रा ने बीजिंग में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था और ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय बने। इस निशानेबाज ने हालांकि जश्न के लम्हे के तुरंत बाद ‘खालीपन’ महसूस किया।
उन्होंने साथ ही कहा कि वह 2008 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद निशानेबाजी को अलविदा कहना चाहते थे। यह पूछने कि पर क्या आपने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया, बिंद्रा ने कहा, ‘‘खेल में मेरा लंबा करियर रहा, काफी उतार-चढ़ाव देखे। यह अजीब है कि मेरे जीवन का सबसे बड़ा मानसिक संकट असल में तब आया जब मैंने सफलता हासिल की। काफी लोग विफलता से निपटने के बारे में बात करते हैं लेकिन मेरे लिए सफलता से निपटना संभवत: मेरे जीवन का सबसे मुश्किल समय था।’’
इस 38 साल के निशानेबाज ने कहा, ‘‘बीजिंग में जहां मैंने अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की, इससे पहले मैंने जीवन में एक ही लक्ष्य और जुनून के साथ 16 साल तक ट्रेनिंग की कि मैं ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक शानदार दिन, यह सपना, यह लक्ष्य साकार हो गया लेकिन मेरे जीवन में काफी बड़ा खालीपन आ गया। मुझे लगता है कि यह काफी चुनौतीपूर्ण था। मैं अवसाद में था। मुझे नहीं पता था कि अपने जीवन के साथ क्या करना है और आगे क्या करना है। यह संभवत: मेरे जीवन का सबसे मुश्किल लम्हा था। ’’