इस साल की शुरुआत में कोविड-19 के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हॉकी इंडिया ने अपनी पुरुष और महिला टीम को अपने कोचेज एज्यूकेशन पाथवे प्रोग्राम से जोड़ा था। पुरुष टीम के सीनियर खिलाड़ी गोलकीपर पीआर. श्रीजेश ने कहा है कि इससे खिलाड़ियों को कोचिंग को करियर के तौर पर लेने के लिए फायदा होगा। इस कार्यक्रम का मकसद खिलाड़ियों को कोचिंग की बुनियादी जानकारी से अवगत कराना था।
श्रीजेश ने कहा, "निजी तौर पर मुझे लगता है कि एचआई का खिलाड़ियों को इस कार्यक्रम में शामिल करना एक अच्छी पहल है। इसस हमें कोचिंग की बुनियादी जानकारी मिली। मैंने और एसवी सुनील ने एचआई से कहा है कि हम इस कोर्स को फिजिकल तौर पर करना चाहते हैं और अगले स्तर के लिए सर्टिफिकेट लेना चाहते हैं। हम सही रास्ते से आगे बढ़ाना चाहते हैं।"
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अनुभवी गोलकीपर ने कहा कि यह कोर्स मौजूदा खिलाड़ियों को एक मौका देगा कि वो कोचिंग को करियर के तौर पर सोच सकें।
उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर दशक का अनुभव होना, मैं अपनी हॉकी के बारे में जानता हूं लेकिन कोच के स्थान से इसे देखना, यह एक अलग नजरिया लेकर आता है। अगर मैं भविष्य में कोचिंग करना चाहता हूं तो मुझे सीखना होगा, समझना होगा कि कोच कैसे सोचता है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह कोर्स खिलाड़ी से कोच बनने में मदद करेगा। मैंने इसके बारे में काफी सोचा और मैं निश्चित तौर पर युवाओं को निखारने में मदद करूंगा। मैंने यह 2016 में जूनियर विश्व कप के दौरान किया है और मैंने इसका काफी लुत्फ उठाया था।"