नई दिल्ली| भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने सोमवार को कहा है कि उसके लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे पहले है और इनके साथ वह किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगा। आईओए का यह बयान कनाडा द्वारा कोरोनावायरस के कारण ओलम्पिक से नाम वापस लेने के बाद आया है। आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा, "मैं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय खेल महासंघों और सभी हितधारकों से टोक्यो ओलम्पिक-2020 को लेकर निजी तौर पर संपर्क में हूं।"
बत्रा ने कहा, "सभी ओलम्पिक खेल अंतर्राष्ट्रीय महासंघों ने 17 मार्च को आईओसी अध्यक्ष से वीडियो कॉल की थी। वहीं सभी 206 एनओसी ने भी 19 मार्च को वीडियो कॉल पर आईओसी अध्यक्ष से बात की थी। सभी एनओसी इस सप्ताह के अंत में उनकी तैयारी और उनके देशों में खिलाड़ियों के स्वास्थ को लेकर आईओसी से बात करेंगी।"
बत्रा ने कहा, "आईओए और खेल मंत्रालय के लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे पहले है और इस संबंध में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। इस समय पुरुष और महिला हॉकी खिलाड़ी तथा भारोत्तोलन खिलाड़ी कैम्प में ट्रेनिंग कर रहे हैं जबकि बाकी अन्य खिलाड़ी घर लौट चुके हैं।"
इसी साल टोक्यो ओलम्पिक-2020 का आयोजन होना है, लेकिन इस समय फैली खतरनाक बीमारी कोरोनावायरस के कारण इन खेलों पर काले बादल मंडरा रहे हैं। कनाडा ने साफ तौर पर कहा है कि अगर ओलम्पिक खेल एक साल तक के लिए स्थगित नहीं होते हैं तो वह इस बार इन खेलों में हिस्सा नहीं लेगा। कनाडा के रुख का आस्ट्रेलिया ने भी पालन किया है और कहा है कि वह टोक्यो ओलम्पिक-2020 में अपने खिलाड़ी नहीं भेजेगा और इसलिए खिलाड़ियों को 2021 की तैयारी करना चाहिए क्योंकि संभवत: ओलम्पिक खेल 2021 में हों।
आईओए को इस संबंध में अभी फैसला लेना है।
आईओसी और जापान की सरकार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इन खेलों को स्थिति बेहतर न होने पर स्थगित किया जा सकता है।