प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर जब टोक्यो से लौटे ओलंपियनों की मेजबानी की तो दिग्गज महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम और शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी से कहा कि उन्हें खाली हाथ लौटने के लिये ‘सॉरी’ कहने की जरूरत नहीं है जबकि हॉकी खिलाड़ी पी श्रीजेश से पूछा कि क्या उन्होंने ‘पंजाबी’ सीख ली है।
मोदी ने सोमवार को यहां नाश्ते पर खिलाड़ियों, उनके कोचों और परिवार के सदस्यों के साथ कुछ हंसी के पल भी साझा किये। उन्होंने कांस्य पदक जीतने वाली पुरूष हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश से पूछा कि क्या उन्होंने पंजाबी में बात करना सीख लिया है क्योंकि राष्ट्रीय टीम में पंजाब के खिलाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा है।
ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के ‘ऊंचे कद’ पर प्रधानमंत्री ने कहा, “कितनी हाइट है। आपने वॉलबॉल खेलने का नहीं सोचा।”
हॉकी टीम ने प्रधानमंत्री को एक हॉकी स्टिक भेंट में दी जिस पर सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर थे। स्प्रिंटर दुती चंद 100 मीटर और 200 मीटर दोनों रेस में पहले दौर में बाहर हो गयीं थी और उन्होंने खुद का लंबा सा परिचय दिया तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अगर राजनेता आपको सुनेंगे तो वे आपको चुनाव लड़ा देंगे। आप ओडिशा से हो तो आप इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेती हो? भारत की 1.3 अरब जनसंख्या है, जिसमें से 65 प्रतिशत युवा हैं। इन युवाओं में से केवल आप (टोक्यो ओलंपिक में देश के 128 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया) देश का प्रतिनिधित्व कर सके।”
उन्होंने कहा, “यह अपने आप में एक उपलब्धि है। आपका हर प्रयास प्रेरणा है और ऐसा नहीं है कि केवल पदक विजेता ही दूसरों को प्रेरित करते हैं।”
मोदी ने नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधू और लवलीना बोरगोहन से यह भी कहा कि वे उनके द्वारा पेश किये गये उपकरणों की नीलामी करवायेंगे। मोदी ने चोपड़ा से पूछा, “आपने यहां अपने हस्ताक्षर किये हैं। मैं इसकी नीलामी करूंगा, कोई परेशानी तो नहीं है?”
इस पर चोपड़ा मुस्कुरा दिये जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक के दौरान इस्तेमाल किया हुआ भाला उन्हें दिया था। उन्होंने रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू से उनके पीठ दर्द के बारे में पूछा जो उन्हें कुछ समय पहले हुआ था। मीराबाई ने उन ट्रक ड्राइवरों को उपहार दिये थे जो उन्हें उनके शुरूआती वर्षों में उनके घर से मणिपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर तक ले जाते थे। इसका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आप उन लोगों को नहीं भूलीं जिन्होंने आपकी यात्रा में आपकी मदद की थी।”
जब लवलीना ने उन्हें मुक्केबाजी के ग्लव्ज की जोड़ी दी तो मोदी ने कहा, “मैं ये पहनूंगा तो राजनीति के लोग बोलेंगे कि मोदी गड़बड़ करने वाला है।”
चोपड़ा को उनका पसंदीदा ‘चूरमा’ खाने के लिये बोलने के बाद प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह फाइनल में दूसरा थ्रो फेंकने के बाद इतने निश्चित कैसे थे कि उन्होंने अपने हाथ ऊठा दिये थे। प्रधानमंत्री ने सुपरस्टार भाला फेंक एथलीट से पूछा, “दूसरे थ्रो के बाद, आप जीत के मूड में थे और ऐसा लग रहा था कि जश्न मना रहे थे। क्या आपको पूरा भरोसा था?”
उन्होंने कहा, “यह मेरे लिये हैरान करने वाला था। मैं देख सकता हूं कि आपमें वह संतुलन है। विजय आपके सिर पर नहीं चढ़ती, पराजय आपके मन में नहीं बैठी। वो संतुलन मुझे दिखा।”
चोपड़ा ने कहा कि कड़ी मेहनत ने उन्हें भरोसा दिया था और वह केवल अपने प्रदर्शन पर ही ध्यान लगाये थे। मोदी ने फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में एक कहानी बतायी जिनके ‘गुलाब जामुन’ पर टिप्पणी करने के बाद जब भी वह किसी कार्यक्रम में जाते तो ज्यादातर समय ‘स्वीट डिश’ के तौर पर यही परोसे जाते।
उन्होंने कहा, “अटलजी ने एक बार एक कार्यक्रम में गुलाब जामुन के बारे में बात की और यह अखबारों में आ गयी। इसलिये जब भी वह किसी कार्यक्रम में होते तो वहां ज्यादातर गुलाब जामुन ही होता था। इसलिये बाद में सर्कुजर जारी करना पड़ा कि उनके कार्यक्रमों में कुछ और चीज भी परोसी जानी चाहिए।”
हॉकी खिलाड़ियों की टेबल पर मोदी ने श्रीजेश से पूछा कि क्रिकेट में हर बार टीवी पर विकेटकीपर दिखाया जाता है जबकि ओलंपिक पदक जीतने के बाद भी लोगों को हॉकी गोलकीपर के बारे में पता नहीं है। जब मैरीकॉम ने माफी मांगी कि वह इस बार पदक नहीं ला सकीं तो प्रधानमंत्री ने कहा, “आपने भारतीय खेलों में बड़ा योगदान किया है और आपकी वजह से ही देश में महिला खिलाड़ियों पर ध्यान दिया गया। आपने इतना सबकुछ किया है।”
जब पदक नहीं ला पाने के लिये दीपिका ने ‘सॉरी’ कहा तो मोदी ने कहा, “क्या ‘सॉरी’, उम्मीद छोड़ोगे तो खिलाड़ी नहीं होते।”
IPL 2021 के लिए शुभमन गिल की उपलब्धता पर केकेआर के सीईओ ने कही ये बात
बल्कि मोदी ने दीपिका के बोलने के लिये माइक्रोफोन भी पकड़ा। मोदी ने फिर सिंधू के कोच पार्क ताए-सांग से अयोध्या का दौरा करने को कहा जो दक्षिण कोरिया के हैं। उन्होंने कहा, “क्या आप अयोध्या गये हैं। आपके देश के राष्ट्रपति की पत्नी विशेष अतिथि के रूप में अयोध्या में एक कार्यक्रम में आयीं थीं। आपको अयोध्या का दौरा करना चाहिए और इसका इतिहास जानना चाहिए।”