चंडीगढ। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने टोक्यो पैरालम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज सिंहराज अडाना को ढाई करोड़ रूपये नकद पुरस्कार और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अडाना ने हरियाणा और पूरे देश के लोगों के दिल जीते हैं। उन्होंने एक बयान में अडाना को बधाई दी और उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामना भी दी।
पोलियो के शिकार अडाना ने पहली बार पैरालम्पिक खेलते हुए पुरूषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच वन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
निशानेबाज सिंहराज को लॉकडाउन के दौरान अभ्यास शुरू करने को लेकर बेताब था। इससे उनकी रातों की नींद भी गायब हो गयी थी। सिंहराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं जब अभ्यास नहीं कर पा रहा था तो मैं सोचने लगा था कि पदक जीतने का मेरा सपना खत्म हो चुका है। तब मेरे कोचों ने मुझे घर में रेंज तैयार करने की सलाह दी।’’
उन्होंने कहा,‘‘मैं बेताब हो रहा था और अभ्यास नहीं कर पाने के कारण मेरी नींद उड़ गयी थी। इसलिए मैंने रेंज तैयार करने के लिये अपने परिवार वालों से बात की तो वे सकते में आ गये क्योंकि इसमें लाखों रुपये का खर्च आना था।’’
सिंहराज ने कहा,‘‘मेरी मां ने मुझसे केवल इतना कहा कि इतना सुनिश्चित कर लो कि यदि कुछ गड़बड़ होती है तो हमें दो जून की रोटी मिलती रहे। लेकिन मेरे परिवार और प्रशिक्षकों के समर्थन, भारतीय पैरालंपिक समिति और एनआरएआई (भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ) से मंजूरी और मदद के कारण हम अपने मिशन में कामयाब रहे और जल्द ही रेंज बनकर तैयार हो गया।’’
उन्होंने इस रेंज का खाका स्वयं तैयार किया था। सिंहराज ने कहा, ‘‘मैंने एक रात में खाका तैयार किया और मेरे प्रशिक्षकों ने मुझसे कहा कि यदि हम रेंज तैयार कर रहे हैं तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए क्योंकि इससे मुझे न सिर्फ टोक्यो बल्कि पेरिस खेलों में भी मदद मिलेगी।’’
सिंहराज का इस खेल से पहला परिचय उनके भतीजे ने कराया था जिनके साथ वह पहली बार निशानेबाजी रेंज पर गये थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा भतीजा गौरव अडाना निशानेबाज है। जब वे अभ्यास कर रहे थे तो मैं मुस्करा रहा था तो कोच ने मुझसे इसका कारण पूछा। उस दिन मैंने निशानेबाजी में अपना हाथ आजमाया तथा पांच में से चार सही निशाने लगाये। इनमें परफेक्ट 10 भी शामिल था।’’