भारत के युवा मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी को विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के पुरुषों के 56 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले गौरव ने इतिहास रचते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में गौरव को अमेरिका के ड्यूक रेगन ने 5-0 से मात दी। गौरव को चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा। अगर गौरव अपना सेमीफाइनल मुकाबला जीत लेते तो वो विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय होते।
मैच के बाद गौरव ने कहा 'हमने एक दूसरे के खिलाफ अच्छी तैयारी की थी। लेकिन मैच के वक्त इन्होंने खेल बदल दिया जो मैं समझ नहीं पाया। उन्हें खुद अटैक नहीं किया बल्कि मेरे अटैक करने का इंतजार किया। उनके कोच कभी मेरे भी कोच हुआ करते थे और शायद इसी वजह से वह मेरी सारी कमियां जानते थे। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं था। यह चैंपियनशिप मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं थी। मैंने किसी चैंपियनशिप में इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। लेकिन मुझे अफसोस है कि मैं फाइनल में जगह नहीं बना पाया जो मेरे पिता जी का सपना था।'
24 साल के गौरव इस चैंपियनशिप में पहली बार उतरे थे। वह इस चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले चौथे भारतीय मुक्केबाज हैं। गौरव से पहले विजेंदर सिंह, विकास कृष्णा और शिव थापा वर्ल्ड चैंपियनशिफ में मेडल जीत चुके हैं। विजेंदर इस चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे। उन्होंने 2009 में मेडल जीता था। जबकि विकास ने 2011 और शिव थापा ने 2015 में मेडल जीता था।
अमेरिकी खिलाड़ी को हालांकि सभी रेफरियों ने सर्वसहमति से विजेता चुना। लेकिन गौरव ने उनका अच्छा मुकाबला किया। पांच में से चार रेफरियों ने 30-27 का स्कोर दिया तो वहीं एक रेफरी ने 30-26 का स्कोर दिया।