नई दिल्ली। भारत की विश्व विजेता हॉकी टीम के सदस्य रहे अशोक दिवान ने बुधवार को भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ सहानुभूति जाहिर की है। चेन्नई सपुर किंग्स के लिए खेलने वाले रैना संयुक्त अरब अमीरात गए थे लेकिन कथित तौर पर कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के कारण हुई दिक्कत से वापस आ गए थे।अशोक ने रैना की स्थिति से अपनी स्थिती तुलना की है और कहा है कि हाल ही में दिल्ली के एक होटल में, जहां वे क्वारंटीन हुए थे, उन्हें जेल जैसा महसूस हो रहा था।
1975 में हॉकी विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे दिवान ने कहा कि उन्होंने मई में दिल्ली के एक होटल में काफी खराब दिन बिताए। वह अमेरिका से अपने बेटे से मिलकर लौटे थे। उन्होंने कहा कि उनका क्वारंटीन पीरियड जेल जैसा था।
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दिवान ने आईएएनएस से कहा, "मैं समझ सकता हूं कि रैना क्वारंटीन समय में एक कमरे में बंद होकर किस दौर से गुजरे होंगे, अगर यह उनका भारत लौटने का प्रमुख कारण है तो, मुझे भी ऐसा लगा था। कमरे के अंदर मैं अपना समय काट नहीं पा रहा था। मेरे होटल की खिड़की खुल नहीं रही थी और न ही मेरे कमरे में बालकनी थी, हालांकि वो एसी कमरा था। लेकिन मैं ताजा हवा मिस कर रहा था। यह जेल की तरह था।"
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उन्होंने कहा, "खाना कमरे के बाहर रख दिया जाता था और जो खाना लेकर आता था वो कमरे की घंटी बजाकर बता देता था कि खाना आया है और चला जाता था। मुझे बिस्तर भी संभालना पड़ा, कोई अंदर नहीं आता था। मैं ही जानता हूं कि मैंने कैसे वो 11 दिन एक छोटे से होटल में निकाले हैं। मेरे लिए यह काफी मुश्किल था। जब मैं इससे बाहर आया तो मुझे लगा कि मैं जेल से बाहर आया हूं।"
दिवान ने कहा कि उनका और रैना का मामला हालांकि थोड़ा सा अलग है।
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उन्होंने कहा, "मेरे पास विदेश से आने के बाद 14 दिन के क्वारंटीन रहने के सरकारी नियमों का पालन करने के अलावा कोई और चारा नहीं था। मेरा क्वारंटीन पीरियड हालांकि 11 दिन का कर दिया गया था। रैना दूसरे देश में उस देश के कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के मुताबिक क्वारंटीन थे, वो भी तब जब वह एक क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने गए थे।"